बीएचयूः  दीवार खड़ी करने की सूचना पर हजारों छात्रों ने किया कक्षा का बहिष्कार, निकाला आक्रोश मार्च

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वाराणसीः छात्रा संग दुव्यर्वहार की घटना के बाद जब छात्रों ने जाना कि प्रशासन द्वारा दीवार खड़ी कर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विभाजन किया जाना तय किया गया है तब उन्होंने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर आक्रोश मार्च निकाला। इसमें विधि संकाय, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय, कला संकाय, वाणिज्य संख्याएं तथा कृषि संस्थान के छात्र शामिल रहे।

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महामना के सपनों पर कुठाराघात

भारी संख्या में छात्रों ने पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर को लेकर निकाले गए मार्च में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारा लगाते हुए छात्र संघ भवन पहुंचे और वहां अपना विरोध दर्ज कराया। छात्रों के साथ कहना था कि आईआईटी हो चाहे मेडिकल परिसर ,सुरक्षा के नाम पर बीएचयू  का विभाजन छात्रों को बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि बीएचयू में सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी कर दूसरी कार्रवाई की जाए. लेकिन इसके विकल्प में दीवार खड़ा करना महामना जी के सपनों पर कुठाराघात है। छात्रों की तरफ से छात्र नेता मृत्युंजय तिवारी आज़ाद ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल प्रभाव से स्पष्टीकरण देना चाहिए की किस अधिकार से वह बीएचयू को खंडित करना चाहते हैं, उनकी मंशा बीएचयू हित में नहीं है . इसके लिए वे लगातार विरोध दर्ज करते रहेंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन विखंडन वादी मानसिकता का है जिसका महामना परिवार विरोध करेगा. साथ ही वह लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ता रहेगा. छात्रों की लड़ाई में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का वरिष्ठ अध्यापकों तथा कर्मचारियों का भी समर्थन प्राप्त हुआ है जिसमें सामाजिक विज्ञान संकाय के पूर्व संकाय प्रमुख कौशल किशोर मिश्रा ने भी छात्रों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की।

आक्रोश रैली में विभिन्न संख्याओं के हजारों की संख्या में छात्र मौजूद रहे जिसमें मुख्य रूप से अभिषेक, पतंजलि, श्यामल नंदू आशीर्वाद, दर्शित दुर्गेश, क्षितिज ,मनीष आदि छात्र नेता मौजूद रहे।

दो संदिग्ध हिरासत में

दूसरी ओर छात्रा संग बदसलूकी के मामले में लंका पुलिस दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हालांकि घटना के दूसरे दिन देर रात पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को विभिन्न इलाकों से उठाया था। पुलिस के अनुसार इनसे गहन पूछताछ के बाद दो को फिलहाल हिरासत में रख अन्य को रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि घटना के बाद यूपी के मुख्यमंत्री के कड़े रूख को देखते हुए पुलिस किसी भी तरह इस घटना में शामिल आरोपितों को दबोचने के लिए दिन-रात एक किए हुए है।

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