Corona: विदेशी अखबार ‘द गार्जियन’, ब्रिटेन में कोताही

0

आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटेन में कोरोनाCorona वायरस का प्रकोप इटली की राह पर है। इटली की स्थिति की तुलना में ब्रिटेन करीब दो सप्ताह पीछे है। इस बीमारी से डरने से कोई मदद नहीं मिलने वाली, बल्कि इसका हमें तर्कसंगत ढंग से मुकाबला करना होगा। यदि ब्रिटेन में बीमारी बढ़ती है, जैसी कि वैज्ञानिकों को आशंका है, तो मरने वालों की संख्या लगभग दो सप्ताह के समय में 281 से बढ़कर 5,000 हो जाएगी। यह ऐसा क्रूर तथ्य है, जिसकी वजह से सरकार की नीति में पिछले सप्ताह बदलाव आया। ‘शमन’ पर केंद्रित दृष्टिकोण के स्थान पर आंशिक रूप से ‘दमन’ की अधिक आक्रामक नीति को लागू किया गया।

यह भी पढ़ें : Corona:अभी तक तो सफल हैं हम

स्कूल, बार और रेस्तरां इत्यादि बंद करने के बाद रविवार को सरकार ने गैर-जरूरी व्यवसायों को बंद करने से मना कर दिया। इसकी बजाय प्रधानमंत्री ने उच्चतम जोखिम वाले 15 लाख लोगों को बचाने के लिए एक नए कार्यक्रम की घोषणा की, इन लोगों को 12 सप्ताह तक घर पर रहने के लिए कहा गया। खतरा बड़ा है और यह कार्यक्रम बहुत दूर तक कारगर नहीं लगता। सरकार ने जो उपाय किए हैं, उससे आगे भी बढ़ने में वह सक्षम है। सरकार ने काम और उपाय आजमाने के मामले में महत्वपूर्ण हफ्ते बर्बाद किए हैं। जब समय तैयारियों के लिए समर्पित होने का था, तब सरकार मामूली फौरी उपायों में लगी थी।

यह भी पढ़ें : Corona: महामारी का असर शेयर बाजार पर

सप्ताहांत में सड़कों और पार्कों में देखी गई भीड़भाड़ इस बात का सबूत है कि लोगों ने सामाजिक दूरी के मूलभूत महत्व को नहीं समझा है। इससे भी अधिक परेशान करने वाली बात यह कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पहले इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जॉनसन के नेतृत्व और निर्णय पर उठे सवालों को खारिज नहीं किया जा सकता। नीति बनाने में उन्होंने वैज्ञानिकों की बजाय अपने सलाहकार डोमिनिक कमिंग्स के विचारों को तरजीह दी है, यह भी गहरी चिंता की वजह है। सात करोड़ लोगों के जनतंत्र में ऐसे नीतियां नहीं बननी चाहिए। हम खतरनाक और अनजान लहरों पर सवार हैं, यह पूछना सही है कि क्या हमारी जहाज का कप्तान अपने पद लायक है।

यह भी पढ़ें : Corona: लॉकडाउन का चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र

[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

यह भी पढ़ें : Corona: तीन हजार कैदियों को छोड़ेगा तिहाड़

(यह लेख ब्रिटेन के अखबार ‘द गार्जियन’ से हिंदी अनुवाद किया गया है)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More