नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर बेंगलुरू में विरोध प्रदर्शन

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नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हजारों बेंगलुरूवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन को वह ‘आजादी की लड़ाई’ का नाम दे रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन रविवार शाम को किया गया।

कांग्रेस राज्यसभा के सदस्य राजीव गौड़ा ने ट्वीट के माध्यम से कहा, “हमारे पास हिस्सा लेने के लिए एक और आजादी की लड़ाई है। भारत को उन वास्तविक टुकड़े-टुकड़े गैंग से बचाने के लिए, जो पहचान के आधार पर भारतीयों को बांट रहे हैं।”

लड़ाई लड़ने का प्रण लें

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट -बेगलुरू (आईआईएम-बी) के पूर्व प्रोफेसर ने प्रदर्शनकारियों से आह्वान किया कि वे समावेशी भारत के लिए लड़ाई लड़ने का प्रण लें और अनेकता का जश्न मनाएं।

बेंगलुरू स्थित टाउनहॉल के प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान गौड़ा ने कहा, “हमारे देश की आत्मा की रक्षा के लिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे इस संघर्ष में भाग लें।”

प्रदर्शनकारी नए नागरिकता कानून के विरोध में कर्नाटक राज्य का झंडा, भारतीय तिरंगा और विरोधी नारा लिखे हुए पोस्टर के साथ विरोध करते दिखे।

टाउनहॉल में प्रदर्शन के दौरान दिखाए जा रहे एक पोस्टर में लिखा था, “भारतीय संविधान पर हमला बंद करो। हैशटैग एगेंस्ट सीएए।”

नरेंद्र मोदी को एडोल्फ हिटलर के बराबर बताया जा रहा

इसी दौरान एक और प्रदर्शनकारी एक पोस्टर लहराता दिखा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को होलोकॉस्ट अपराधी और पूर्व जर्मन चांसलर एडोल्फ हिटलर के बराबर बताया जा रहा था।

वहीं प्रदर्शन में शामिल इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि भारत की स्थापना विविधता के सिद्धांतों के आधार पर हुई थी।

गुहा ने कहा, “हमें लोकतंत्र चाहिए, हमें अनेकतावाद चाहिए।”

एक क्रांति शुरू हो गई है

वहीं जयनगर से कर्नाटक विधानसभा की सदस्य सौम्या रेड्डी ने भी सीएए विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों संबोधित किया।

उन्होंने कहा, “एक क्रांति शुरू हो गई है। हम भारत की अनेकता को मरने नहीं देंगे। सभी आयोजकों का धन्यवाद। जागिए।”

रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने भी भाग लिया।

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