लोकसभा चुनाव से पहले Akhilesh and Mayawati के मिले सुर में सुर..

केन्द्र सरकार से उठायी ये मांग ..

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Akhilesh and Mayawati : सियासत के खेल में हमेशा एक दूसरे के खिलाफ रहने वाले मायावती और अखिलेश यादव के सुर एक होते नजर आ रहे है, दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र से पहले बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती में केन्द्र सरकार से जातीय आधारित जनगणना कराए जाने की मांग उठायी है. इससे पहले सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव यूपी की विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को लेकर मुखर हए थे, ऐसे में चुनाव से पहले मायावती की इस मांग ने यूपी में भारतीय जनता पार्टी के पसीने निकाल दिए है.

बिहार में जातीय आधारित जनगणना के बाद अब यूपी में भी जातीय जनगणना कराए जाने की मांग की जा रही है, इसको लेकर पहले अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा में मांग की थी और अब इस मुद्दे को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लगातार तीन ट्वीट किए है. इन तीनों ट्विट में जातीय सर्वे की मांग की गयी है.

सकारात्मक कदम उठाए केंद्र –  Mayawati

मायावती ने केंद्र सरकार से जातीय सर्वे की मांग करते हुए एक्स पोस्ट में लिखा है कि, संसद के आगामी 4 दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग पुनः की गयी. अब जबकि इसकी मांग देश के कोने-कोने से उठ रही है, केन्द्र सरकार द्वारा इस बारे में अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाना जरूरी है.

उन्होने इसके बाद गरीबों की मजबूरियों का हवाला देते हुए अपनी पोस्ट में लिखा है कि, महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था से त्रस्त व जातिवादी शोषण-अत्याचार से पीड़ित देश के लोगों में जातीय जनगणना के प्रति जो अभूतपूर्व रुचि/जागरूकता है वह भाजपा की नींद उड़ाए है तथा कांग्रेस अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त है.

उन्होने लिखा है कि, वैसे विभिन्न राज्य सरकारें ‘सामाजिक न्याय’ की दुहाई देकर आधे-अधूरे मन से जातीय जनगणना कराकर जनभावना को काफी हद तक साधने का प्रयास कर रही हैं, किन्तु इसका सही समाधान तभी संभव है जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर सही जातीय जनगणना कराकर लोगों को उनका हक देना सुनिश्चित करेगी.

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