AC इस्तेमाल कर रहें हैं तो सावधान! घरों से निकल रहीं जहरीली गैसें, खरीदने से पहले जान लें ये बातें

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बढ़ते समय के साथ-साथ धरती पर सूरज की तपन भी बढ़ती जी रही है। ऐसे में गर्मियां आते ही हर तीसरे-चौथे घर में AC के स्विच ऑन हो जाते हैं। घर में AC का इस्तेमाल गर्मी में लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। लोगों की सहूलियत के हिसाब से बाजार में AC की अलग-अलग नस्लें भी आ चुकी हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि AC ऑन होते ही एक जहरीली गैस का उत्पादन करती है, जो पर्यावरण में घुल जाती है। पर्यावरण पर इन गैसों का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह गैसें गर्मी पैदा करती हैं और ओजोन परत के क्षरण का कारण बनती हैं।ये जहरीली गैस ऑक्सीजन को दूषित कर देती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, ये गैसें पर्यावरण के लिए घातक होती ही हैं, साथ ही इंसानों के लिए भी नुकसानदायी हैं। 

आधुनिक समय में गर्मी से निजात पाने कि लिए लोग हर तरकीब अपना लेते हैं। फिर चाहे वह कितना भी हानिकारक ही क्यों न हो। ऐसे ही गर्मियों में कूलिंग के लिए एयर कंडीशनिंग (AC) का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। AC बड़ी मात्रा में बिजली की खपत तो करते ही हैं, साथ ही पर्यावरण को भी जहरीला कर देते हैं। AC में जिन फ्लोरोकार्बन का रेफ्रिजरेंट के रूप में उपयोग करते हैं, वे ओजोन परत को ख़राब करते हैं और ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करते हैं। विशेष रूप से उभरते देशों की तेजी से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में एयर कंडीशनर की बढ़ती मांग का जलवायु परिवर्तन पर तेजी से गंभीर प्रभाव पड़ता दिख रहा है।

AC पर्यावरण को बना रहा जहरीला

AC से जहरीली गैसें निकलती हैं, जो पर्यावरण के लिए घातक होती हैं। इन गैसों में क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) और हाइड्रो-क्लोरोफ्लोरोकार्बन HCFC -141b)  शामिल हैं। पर्यावरण पर इन गैसों का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह गैसें गर्मी पैदा करती हैं और ओजोन परत के क्षरण का कारण बनती हैं। इसकी वजह है, AC बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उपयोग करते हैं। बिजली उत्पादन में वृद्धि होती है, जो वातावरण में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करती है। अत्यधिक स्तर पर यह ग्रीनहाउस गैस ग्रह की सतह के पास गर्मी को रोक सकती है और ग्लोबल वार्मिंग में योगदान कर सकती है। कुछ अध्ययनों का अनुमान है कि 2050 तक ग्लोबल वार्मिंग का लगभग 25 प्रतिशत एयर कंडीशनिंग के कारण होगा।

बिजली संरक्षण में बाधा बन रही AC

दरअसल, जब एसी को 16 या 18 डिग्री के टेम्प्रेचर पर चलाया जाता हैं तो एकदम से कंप्रेसर पर ज्यादा लोड पड़ता है और बिजली की ज्यादा खपत होती है। बिजली की खपत के तौर पर एक 0.75 टन 3 स्टार AC लगभग 524 वाट की खपत करता है, जबकि समान टन भार वाला एक 5 स्टार एसी लगभग 450 वाट की खपत करता है। 1 टन 3 स्टार AC 747 वाट की खपत करता है जबकि 1 टन 5 स्टार AC 554 वाट की खपत करता है। इसी तरह, 1.5 टन 3 स्टार एसी और 5 स्टार एसी क्रमशः 1104 और 8740 वाट की खपत करते हैं।

बाजार में आ रहें हरित AC

कई तकनीकी नवाचार भी AC इकाइयों को हरित और कुशल बना रहे हैं। ऐसा ही एक नवाचार एयर कंडीशनरों में R-32 रेफ्रिजरेंट का उपयोग है- एक अगली पीढ़ी, पर्यावरण के अनुकूल रेफ्रिजरेंट जिसे ओजोन परत को बचाने और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आमतौर पर, 5 स्टार AC आपको 3 स्टार AC की तुलना में 28% ज़्यादा बिजली बचाने में मदद करेगा। बिजली की खपत के तौर पर एक 0.75 टन 3 स्टार AC लगभग 524 वाट की खपत करता है, जबकि समान टन भार वाला एक 5 स्टार एसी लगभग 450 वाट की खपत करता है।

5 स्टार एसी क्या है

पांच स्टार रेटिंग्स वाला एसी कम बिजली की खपत करता है, जिससे आपका बिजली का बिल कम आता है। जबकि तीन स्टार रेटिंग्स वाला एसी ज्यादा एनर्जी की खपत करता है। हालांकि 5 स्टार एसी 3 स्टार एसी के मुकाबले ज्यादा महंगे होते हैं। 5 स्टार एसी में बड़ा कंडेंसर दिया गया होता है, जिसके चलते ये इलेक्ट्रिसिटी एफिशिएंट होते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि एनर्जी एफिशिएंसी (बिजली की खपत) के हिसाब से एयकरंडीशन को अलग-अलग रेटिंग्स दिए जाते हैं। पांच स्टार रेटिंग्स वाला एसी कम बिजली की खपत करता है, जिससे आपका बिजली का बिल कम आता है। जबकि तीन स्टार रेटिंग्स वाला एसी ज्यादा एनर्जी की खपत करता है। हालांकि 5 स्टार एसी 3 स्टार एसी के मुकाबले ज्यादा महंगे होते हैं। वहीं इसपर जब हमने एक्सपर्ट मनोज कुमार श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में अधिक गर्मी का बढ़ना, समय पर वर्षा न होना या वर्षा के समय में परिवर्तन होना, ये सभी पर्यावरण के दूषित होने का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में लोग बिजली से चलने वाले संसाधन ज्यादा प्रयोग करते हैं, जिससे ज्यादा ऊष्मा रिलीज होती है। जो घातक गैसों के रूप में हवाओं में घुल-मिल जाती है। आने वाले समय में ज्यादा बिजली संचालित वस्तुओं के प्रयोग  से बचना होगा नहीं तो परिणाम घातक हो सकते हैं।

 

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