पुलिसवालों क्लास में पढ़ते हैं ‘हत्यारिन शबनम की खूनी करतूत’ ! जानिए पूरा मामला…
उत्तर प्रदेश में पहली बार आजाद भारत के बाद किसी महिला को फांसी दी जाएगी। इसके लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते फांसी घर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को फांसी पर लटकाया जाएगा।
फांसी की तैयारियां शुरू
इसके लिए मथुरा जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। हालांकि फांसी कब होगी, इसकी अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। दरअसल 13 साल पहले अमरोहा की रहने वाली शबनम ने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। राष्ट्रपति ने 15 फरवरी को उसकी दया याचिका खारिज कर दी। शबनम अभी रामपुर जेल में बंद है, जबकि उसका प्रेमी आगरा जेल में है।
72 घंटे में कातिलों को भेजा जेल
चर्चित बावनखेड़ी कांड पुलिस एकेडमी के पाठ्यक्रम में भी शामिल है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पुलिस एकेडमी में पुलिस कर्मी कानून की पढ़ाई के साथ-साथ बावनखेड़ी की खलनायिका की करतूत को भी पढ़ते हैं। पुलिस ने मात्र 72 घंटे की विवेचना के अंदर कातिलों को जेल भेज दिया था। विवेचना में तत्कालीन विवेचक ने क्या-क्या सबूत जुटाए थे। उन्हीं तथ्यों के आधार पर शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी की सजा हो सकी है।
पांचवीं फेल से शबनम को हुआ प्यार
अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम के सलीम के साथ प्रेम संबंध थे। सूफी परिवार की शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए किया था। उसके परिवार के पास काफी जमीन थी। वहीं सलीम पांचवीं फेल था और पेशे से एक मजदूर था। इसलिए दोनों के संबंधों को लेकर परिजन विरोध कर रहे थे।
एक रात खेला खूनी खेल
शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा खूनी खेल खेला कि सुनकर पूरा देश हिल गया था। शबनम ने अपने माता-पिता और 10 माह के भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को पहले बेहोश करने की दवा खिलाई। बाद कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला था।
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