‘नोटबंदी का असर अगले 6 महीने तक जारी रहेगा’ : कौशिक बसु

मशहूर अर्थशास्त्री कौशिक बसु (Kaushik Basu) का कहना है कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है और देश इससे धीरे-धीरे उबर रहा है। नोटबंदी का असर अभी अगले छह महीने तक जारी रहेगा। बसु विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं। उन्होंने यह बात टीवी चैनल ईटी नाउ को दिए एक साक्षात्कार में कही।

अर्थशास्त्री कौशिक बसु के मुताबिक, नवंबर में की गई नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को झटका लगा है, लेकिन खुशकिस्मती है कि यह तात्कालिक है।

ब्याज दरों में कटौती से निजी निवेश को पर्याप्त बढ़ावा

कौशिक बसु ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती से निजी निवेश को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को लेकर जरूरत से थोड़ा ज्यादा चिंतित है।

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जीएसटी पर उन्होंने कहा कि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली मुसीबतों से जूझ रही है, लेकिन निवेशकों ने इसे सकारात्मक लिया है। उन्होंने कहा कि इससे दोहरा कराधान खत्म होगा और माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी।

बसु ने कहा कि देश की वृद्धि दर अगले एक-डेढ़ सालों में घटकर 8.5 फीसदी पर आ जाएगी। उन्होंने कहा कि विदेशों में देश के बारे में अच्छी धारणा है और भारत इसे पूंजी में परिवर्तित करने में सक्षम है।

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नोटबंदी के बाद 86 फीसदी मुद्रा प्रचलन में लौटी 

पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी के पहले जितनी मुद्रा प्रचलन में थी, उसका 86 फीसदी वापस प्रचलन में लौट चुकी है। सरकार ने संसद को शुक्रवार को यह जानकारी दी। वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, “पुर्नमुद्रीकरण तेज गति से हो रहा है और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटों की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति का प्रबंध किया है।”

उन्होंने कहा, “2016 के चार नवंबर तक जितनी मुद्रा प्रचलन में थी, 21 जुलाई तक उसका 86 फीसदी दोबारा प्रचलन में आ चुकी है।”

मंत्री ने कहा कि पुराने नोट गिनने का काम अभी भी जारी है और गलतियों से बचने के लिए इसे बड़ी बारीकी के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “पुराने नोट जमा करने के दौरान हुई त्रुटियों को हटाने पर काफी सावधानी से ध्यान दिया जा रहा है और इसकी प्रगति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।”

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