26 जून को शारजाह रवाना होगा बनारसी लंगड़ा आम, सीएम योगी दिखाएंगे हरी झंडी
उत्तर प्रदेश की पूर्वांचल की मिट्टी में उपजे बनारसी लंगड़े आम को नई पहचान मिल गई है। हाल ही में बनारसी लंगड़े आम को जीआई टैग मिला है। वहीं अब 26 जून को बनारस का लंगड़ा आम काशी से शारजाह के लिए रवाना हो जाएगा। खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरी झंडी दिखाकर लंगड़े आम को हवाई जहाज में रवाना करेंगे। इसके साथ ही सीएम योगी पूर्वांचल के अन्न दाताओं को भी बड़ी सौगात देंगे। यूपी के लिए यह दिन एक गौरवशाली दिन के तौर पर देखा जा रहा है।
सीएम योगी दिखाएंगे हरी झंडी
बता दें, योगी सरकार किसान उद्यमियों के बीच से बिचौलियों को हटाकर उन्हें निर्यातक बनाने में जुटी है। जिससे किसानों की आय दोगुनी हो सके। इसी प्रयास में बनारसी लंगड़े आम के लिए योगी सरकार ने वाराणसी में पैक हाउस बनवाया है। यह लंगड़ा आम अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार तैयार पेरिशेबल फ़ूड उत्पाद के अंतर्गत पैक किया जा रहा है। 26 जून को पहली बार सीएम योगी हरी झंडी दिखाकर बनारसी लंगड़े आम को विदेश रवाना करेंगे।
लंगड़े आम के साथ रवाना होंगी सब्जियां
बनारसी लंगड़े आम के साथ-साथ पूर्वांचल की सब्जी और फल भी वाराणसी के पैक हाउस से सीधे विदेश एक्सपोर्ट होगी। इनमें 26 जून को लंगड़ा आम, हरी मिर्च, रेफेर कंटेनर पानी, भिंडी को विदेश भेजा जाएगा। लंगड़े आम को फ्लाइट से रवाना किया जाएगा, इसके अलावा सब्जियों को मुंबई के रास्ते से दुबई और दोहा भेजा जाएगा।
एपीडा के महाप्रबंधक का बयान
इस संबंध में एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सीबी सिंह ने बताया कि पैक हाउस से पहली बार सीएम योगी फ्लैग ऑफ करने जा रहे हैं। इनमें जीआई व अन्य उत्पादो में 4 से 5 मीट्रिक टन बनारसी लंगड़ा आम शामिल हैं। लंगड़ा आम वाराणसी एयरपोर्ट से शारजाह भेजा जाएगा। इसके अलावा 30 से 35 मीट्रिक टन हरी मिर्च, 40 फिट रेफेर कंटेनर से पानी के जहाज से मुंबई के रास्ते दुबई और दोहा जाएगा। इसके साथ ही भिंडी समेत अन्य उत्पाद भी भेजने की तैयारी है।
एयरपोर्ट के पास बना है पैक हाउस
दरअसल, प्रदेश की योगी सरकार कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) लगातार प्रयास कर रही है।सीएम योगी ने वाराणसी में पैक हाउस बनवाया है। एयरपोर्ट से कऱीब 10 किलोमीटर पर इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट का निर्माण करवाया गया है। इस पैक हाउस से एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस भी होगा। जिससे निर्यात करना आसान होगा। पैक हाउस से एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस बनाया गया है। यहां अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार पेरिशेबल फ़ूड उत्पाद को तैयार किया जा रहा है। इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट में लगे उपकरण स्वेदशी हैं। पैक हाउस को एपीडा ने अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार निर्यात के लिए मान्यता दी गई है।
15.78 करोड़ की लागत से बना है पैक हाउस
इंटीग्रेटेड पैक हाउस जल, थल और नभ से निर्यात करने के लिए उचित संसाधनों से लैस है। 15.78 करोड़ की लागत से लगभग 4461 स्क्वायर फिट एरिया में पैक हाउस बनकर तैयार हो चुका है। यहाँ किसान उद्यमियों को इंटरनेशनल मार्केट की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सहारनपुर, लखनऊ के बाद उत्तर प्रदेश का वाराणसी में ये तीसरा इंटीग्रेटेड पैक हाउस होगा।
पैकिंग हाउस की खासियत
इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का प्रोडक्ट तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस में फलों और सब्जियों को कई प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। जिससे उनकी ताज़गी, स्वाद और अन्य गुण बरक़रार रहता है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है की इन उत्पादों में कीट और किसी भी तरह की बीमारी न हो। इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट में लगे उपकरण स्वेदशी हैं। ख़ास तौर पर बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीट और हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजरान पड़ता है, तब कही जाकर लंगड़ा आम विदेशों भेजने लायक बनेगा।
विदेशी डिमांड की पूर्ति करेगा पैक हाउस
पैक हाउस का सबसे अहम काम उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार करना है। अलग-अलग देशों की अलग अलग तरह की डिमांड होती है। उनके डिमांड को पूरा करने के लिए पैक हाउस काम करता है। पूर्वांचल में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एपीडा निर्यात के लिए सक्रिय है। इससे किसानों की आय में वृद्धि भी होगी और उनके फल और सब्जियों को उचित दाम भी मिलेंगे। साथ ही पूर्वांचल की पहचान विदेशों में बनेगी।
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