मॉब लिंचिंग ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी : बीजद सांसद

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बीजू जनता दल (बीजद) सांसद तथागत सत्पथी ने सोमवार को कहा कि मवेशी व्यापार (cattle trade) पर पाबंदी तथा भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है, क्योंकि किसान अपने मवेशियों को बेच पाने में अक्षम हैं। लोकसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर एक चर्चा में सांसद ने कहा कि देश में अधिकांश गाय अब देसी नहीं, बल्कि जर्सी हैं।

सांसद ने कहा, “भारत में आज की तारीख में अधिकांश गाय जर्सी हैं। वे अपनी मां को नहीं पहचान सकतीं..देसी नस्ल की गायों के मरने की परवाह किसी को नहीं है।”

गाय ग्रामीण भारत के लिए एक अहम आर्थिक औजार है

उन्होंने कहा, “गाय और बैलों की बिक्री कौन करते हैं? गरीब हिंदू किसान। इस बात से कोई इनकार नहीं कर रहा कि गाय ग्रामीण भारत के लिए एक अहम आर्थिक औजार है..जब जानवर बेकार हो जाता है, हिंदू किसान उसे बेच देते हैं और जो उसे खरीदता है, वह हिंदू भी हो सकता है और मुसलमान भी।”

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सांसद ने कहा कि किसानों को बेकार जानवरों को साथ रखने पर मजबूर किया जा रहा है, जिससे उनके पालन पर पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं, क्योंकि वह उसे कहीं नहीं बेच सकता।

किसान बेकार जानवरों को बेचने में अक्षम

सत्तापक्ष को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “किसान बेकार जानवरों को बेचने में अक्षम हैं। आर्थिक चक्र रुक गया है। यह पैसा दूसरा ऋण लेने के लिए उनका प्राथमिक धन हो सकता है, लेकिन अब आपने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।”

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लिंचिंग से तबाह

उन्होंने कहा, “वास्तव में आपने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लिंचिंग से तबाह किया है..आपने उस प्रक्रिया की शुरुआत की है, जिसमें अंतत: आप हिंदू किसान की जान लेंगे। अल्पसंख्यकों को मारकर वस्तुत: आप बहुसंख्यकों को मार रहे हैं।”

सत्पथी ने कहा कि वह किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपने बेकार हो चुके जानवरों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के पास देखभाल के लिए पहुंचा दें।

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