बाबर राणा सांगा विवाद: समाजवादी पार्टी (SP) के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. उन्होंने राज्यसभा में कहा कि मुगल शासक बाबर को भारत बुलाने वाले राणा सांगा थे. इस बयान के बाद करणी सेना और राजपूत समुदाय ने कड़ा विरोध जताया.
सुमन के बयान ने क्यों मचाया बवाल?
सुमन ने कहा, “अगर मुसलमान बाबर के वंशज कहे जाते हैं, तो हिंदुओं को भी यह मानना चाहिए कि वे राणा सांगा के वंशज हैं, जिन्होंने बाबर को भारत बुलाया.” उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई राष्ट्रवादी नेताओं ने अंग्रेजों का साथ दिया था. इस बयान से राजपूत संगठनों में नाराजगी फैल गई.
राजनीतिक विवाद और करणी सेना का विरोध
इस बयान के बाद BJP ने समाजवादी पार्टी पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया. करणी सेना के हजारों सदस्य बुलडोजर लेकर रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित घर के बाहर जुटे और हिंसक झड़प हुई. करणी सेना ने मांग की है कि सुमन महाराणा सांगा स्मारक पर जाकर माफी मांगें.
वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि BJP इतिहास को सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. सुमन ने भी कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था, लेकिन वे अपने बयान पर कायम हैं और किसी से माफी नहीं मांगेंगे.
इसके बाद इस विवाद में असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के बयान को दोहराते हुए कहा कि बाबर को राणा सांगा और इब्राहिम लोदी के भाई ने भारत आने के लिए आमंत्रित किया था.
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राणा सांगा: वीर योद्धा या बाबर को बुलाने वाले?
राणा सांगा, जिन्हें महाराणा संग्राम सिंह के नाम से भी जाना जाता है, 1509 से 1528 तक मेवाड़ के शासक थे. उन्होंने राजपूत साम्राज्य को संगठित किया और विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ कई युद्ध लड़े. 1527 में उन्होंने बाबर से खानवा के युद्ध में संघर्ष किया, लेकिन पराजित हो गए. उनकी वीरता आज भी सम्मानित की जाती है.
बाबरनामा के अनुसार: बाबर क्यों आया भारत?
राजस्थान के इतिहासकार डॉ. जयंतिलाल खंडेलवाल के अनुसार, बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा में लिखा है कि “पंजाब के गवर्नर दौलत खान लोदी ने मुझे भारत बुलाया था ताकि मैं दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराऊं.” बाबर ने यह भी लिखा कि राणा सांगा ने उससे एक दूत भेजकर संपर्क किया था, लेकिन यह आक्रमण के लिए बुलावा नहीं था.
बाबर के भारत आने के पीछे आर्थिक कारण?
बाबर का भारत पर आक्रमण केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक कारणों से भी था. बाबर ने अपनी किताब में लिखा कि हिंदुस्तान में सोने-चांदी की बहुतायत है। साथ ही, वह अपनी मातृभूमि में उज़बेक आक्रमणकारियों से संघर्ष कर रहा था और एक स्थिर राज्य की तलाश में था.