ऑस्ट्रेलिया: रेंजर्स को मिला दुनिया का सबसे बड़ा मेंढक, जानें इस विशालकाय प्रजाति की अनोखी बातें
रहस्यों से भरी हुई प्रकृति के बारे में कई ऐसी बातें हैं जिन्हें हम नहीं जानते हैं. प्रकृति में ऐसे तमाम जीव हैं, जिनके बारे में शायद ही मानव समाज ने सुना होगा. लेकिन, ऐसे जीव जब अचानक से सामने आ जाते हैं तो उनके बारे में चारों तरफ चर्चा शुरू हो जाती है. ऐसा ही एक जीव ऑस्ट्रेलिया में पाया गया. ये जीव एक विशालकाय मेंढक था, जो कॉन्वे नेशनल पार्क में एक रेंजर्स को मिला. इस विशालकाय मेंढक के सामने आते ही सोशल मीडिया पर इसकी फोटोज वायरल होने लगी हैं.
दरअसल, रेंजर्स की एक टीम कॉन्वे नेशनल पार्क में ट्रैक वर्क कर रही थी. इस दौरान एयरली बीच के पास उनकी गाड़ी के आगे एक सांप आ गया, जिससे उन्होंने अपनी कार रोक दी. काइली ग्रे नाम की रेंजर जैसे ही अपनी कार से नीचे उतरी तो उनके पैरों में फुटबॉल जैसी कोई चीज टकराई. जब उन्होंने पत्ते हटाकर देखा तो उन्हें यह विशालरुपी मेंढक नजर आया. उन्हें लगा कि यह नकली है, मगर जब उन्होंने उसे उठाया तो उनको अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था.
काइली ने उसका नाम ‘टोडजिला’ रख दिया. फिर उसे एक कंटेनर में ट्रांसफर कर अपने बेस पर ले गईं और उसका वजन किया. काइली ग्रे ने बताया कि
‘इस विशालकाय मेंढक का वजन करीब 2 किलो 700 ग्राम था. इसका आकार इतना बड़ा था कि वह अपने मुंह में फिट होने वाली हर चीज जैसे- कीड़े-मकोड़े और छोटे जानवरों आदि तक को आसानी से खा सकता है.’
बता दें वाइल्डलाइफ में केन टोड मेंढकों का जीवन 10-15 वर्षों तक का होता है. वहीं, टोडजिला के बारे में आशंका लगाई जा रही है कि इसकी उम्र में काफी ज्यादा होगी. वो समुद्री सतह से 393 मीटर ऊपर पाया गया. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिस्बेन स्थित क्वीन्सलैंड म्यूजियम ने टोडजिला को ‘इच्छामृत्यु’ दी गई. बता दें वर्ष 1991 में सबसे विशालकाय टोड मेंढक पाया गया था, जिसके नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है. हालांकि, टोडजिला इस मेंढक का रिकॉर्ड तोड़ सकता है.
जानें केन टोड प्रजाति के बारे में…
कॉन्वे नेशनल पार्क में मिला मेंढक असल में एक केन टोड था, अपनी प्रजाति में सबसे विशालकाय साइज होने के कारण इसे मॉन्सटर केन टोड भी कहा जाता है. इस मेंढक का वजन मुर्गे, छोटे कुत्तों और यहां तक कि एक नवजात बच्चे जितना होता है. ऑस्ट्रेलिया के सबसे शैतानी जीवों में से केन टोड एक होता है. ये प्रजाति 5 फ़ीट 9 इंच तक लंबी हो सकती है.
इन मेंढकों को वाइल्डलाइफ के लिए खतरनाक माना जाता है. उत्तर-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में इन मेंढकों ने आसानी से रहना सीख लिया है. वर्ष 1935 में ये प्रजाति केन बीटल के साथ ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी. केन टोड की वजह से कई प्रजातियां विलुप्त भी हो गई हैं. अन्य देशी प्रजातियों से ये प्रजाति शेल्टर और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए उलझती रहती है.
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