औरैया के पत्रकार मुनीश त्रिपाठी की किताब “द लाइन व्हिच डिवाइडेड भारत” हुई प्रकाशित

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यूपी के मशहूर पत्रकार, इतिहासकार और लेखक मुनीश त्रिपाठी की नई किताब “द लाइन व्हिच डिवाइडेड भारत” प्रकाशित हो गयी है. इस पुस्तक को दिल्ली की भारती प्रकाशन द्वारा पब्लिश किया गया है. इस पुस्तक के सह लेखक एक छोटे से कस्बे के रहने वाले डॉ भूपेंद्र सिंह चौहान है, जिन्होंने यह किताब अंग्रेजी भाषा में लिखी है.यह पुस्तक भारत के बंटवारे से जुडे कई किस्सों को उजागर करती है.

बीएचयू के इन प्रोफेसर ने की किताब की सराहना

मुनीश त्रिपाठी की नई किताब “द लाइन व्हिच डिवाइडेड भारत” में कुल 186 पेज के साथ सात चेप्टर को शामिल किया गया है. पुस्तक में विषयवस्तु भारत के दुखद विभाजन तथा मौजूदा तुष्टीकरण का आलोचनात्मक विवरण हैं. इस पुस्तक में भारत के दुखद विभाजन और वर्तमान तुष्टीकरण का विश्लेषण किया गया है. पुस्तक में शोध, संदर्भ और प्रमाणिकता का काफी ध्यान रखा गया है. पुस्तक को वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री, सैयद सुहेल, कवि और साहित्यकार डॉ कुश चतुर्वेदी, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिव प्रकाश सिंह, बीएचयू के इतिहास विभाग के प्रोफेसर प्रवेश कुमार श्रीवास्तव और सांसद साक्षी महाराज ने सराहना की है.

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यहां से खरीद सकते हैं किताब

यदि आप भी इस पुस्तक को खरीदने के इच्छुक हैं तो आप इस पुस्तक को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीद सकते हैं, यह पुस्तक आपको प्रमुख आनलाइन प्लेटफार्म अमेजान, फ्लिपकार्ट पर मिल जाएगी. आपको बता दें कि, मुनीश त्रिपाठी की यह कोई पहली किताब नहीं है बल्कि इससे पहले भी उनकी तीन पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं. उन्हें उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान देने के लिए यूपी हिंदी संस्थान द्वारा मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार और औरैया रत्न सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.इटावा हिंदी साहित्य से बेदम वारसी पुरस्कार भी मिल चुका है. विभाजन की त्रासदी और भरतपुर का सूरजमल पत्रकार मुनीश त्रिपाठी की पहली दो पुस्तकें काफी चर्चा में रही हैं.

 

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