सावधान ! डरा रही NCRB की रिपोर्ट, अचानक मौतों के मामले में बढ़ोत्तरी

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नई दिल्ली: देश में फ़ैली महामारी कोरोना के बाद से आदमी के जीवन में अचानक से बड़ा बदलाव आया है जिसके चलते लोगों में पिछले एक साल में अचानक मौतों के मामले काफी बढ़ गए हैं. देखने को मिलता है की कोई GYM करते करते तो कोई WORKOUT या डांस ( dance) करते ही गिर गया और मौत हो गई. इस पर NCRB ने 2022 के आंकड़े पेश किये है जिमसे चौकानी वाले आंकड़े सामने आये है. NCRB के अनुसार साल 2022 में देशभर में 56 हजार 653 लोगों की अचानक मौत हुई. ये पिछले साल की तुलना में करीब 12% ज्यादा है. जिनमे 57 % मौतें हार्ट अटैक की वजह से हुईं.

राज्यों के पुलिस विभागों के डेटा पर आधारित है रिपोर्ट-

NCRB की रिपोर्ट राज्य पुलिस विभागों द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा पर आधारित है, और इसमें ‘अचानक मौतें’ को अप्रत्याशित मौतों के रूप में बताया गया है जो तत्काल होती है या हार्ट अटैक( heart attack) और ब्रेन हेमरेज जैसे किसी कारण से कुछ ही मिनटों में होती है. गौरतलब है कि पिछले महीने एक मेडिकल स्टडी ने अचानक मौत और कोविड-19 वैक्सीनेशन के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया था.

आकस्मिक मौतों के आंकड़े आए सामने…

NCRB की जारी रिपोर्ट में कहा गया है की कि 2022 में कुल आकस्मिक मौतों में अचानक मौतों की हिस्सेदारी कुल 3.9 लाख मौतों का 13.4% थी. आंकड़े बताते हैं कि जिन लोगों की मृत्यु हुई, उनमें से अधिकांश पुरुष थे और उनमें से एक तिहाई से अधिक 45 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के थे. अगर राज्य वॉर मौतों के आंकड़े देखें तो सबसे ज्यादा पिछले साल महाराष्ट्र में (14,927) दर्ज की गई, इसके बाद केरल (6,607) और कर्नाटक (5,848) का स्थान रहा.

14 % हार्ट अटैक के बड़े मामले-

आपको बता दें कि 2022 में हार्ट अटैक से 32,410 लोगों की जान गई, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 14% ज्यादा है. महाराष्ट्र में इस तरह की मौतों की संख्या सबसे अधिक (12,591) दर्ज की गई, इसके बाद केरल (3,993) और गुजरात (2,853) का स्थान रहा.

स्वास्थ्य मंत्री ने दी लोगों को सलाह-

देश में इस तरह के बढ़ते मामलों के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाल ही में सलाह दी थी कि जिन लोगों को गंभीर कोरोना हुआ है, वे एक्सरसाइज और वर्कआउट करते समय ज्यादा परिश्रम न करें और कुछ समय के लिए ज्यादा मेहनत वाला काम भी न करें. उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि अतीत में कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होना, सडन डेथ का पारिवारिक इतिहास और लाइफस्टाइल में बदलाव युवा लोगों में अचानक मौतों के बढ़ने में भूमिका निभा सकते हैं.

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