घोटालेबाजों के लिये अच्छे दिन, अब अशोक चव्हाण को बड़ी राहत

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2जी घोटाले में कोर्ट के फैसले राहत महसूस कर रही कांग्रेस के लिए एक और अच्छी खबर बॉम्बे हाई कोर्ट से आई है। हाई कोर्ट ने आदर्श सोसायटी घोटाला मामले में कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर केस चलाने की अनुमति देने वाले राज्यपाल के आदेश को खारिज कर दिया है।

राजनीतिक माहौल के कारण मंजूरी दी थी

हाई कोर्ट के फैसले के बाद चव्हाण ने कहा कि राज्यपाल का आदेश पूरी तरह राजनीति से प्रेरित और पक्षपातपूर्ण था। उन्होंने एक बार फिर खुद को निर्दोष बताया। चव्हाण ने कहा कि कोर्ट का विस्तृत आदेश पढ़ने के बाद ही वह इस मामले में आगे कोई टिप्पणी करेंगे। बता दें कि यह मंजूरी महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सीबीआई को 2016 में दी थी। चव्हाण के वकील ने कोर्ट में कहा था कि फरवरी 2016 में राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने सबूतों के आधार पर नहीं, बल्कि बदले हुए राजनीतिक माहौल के कारण मंजूरी दी थी।

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बता दें कि चव्हाण पर आदर्श सोसायटी में अपने रिश्तेदारों को दो फ्लैट देने की एवज में सोसायटी को अतिरिक्त एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) देने का आरोप था। उनपर यह भी आरोप था कि जब वह राजस्व मंत्री थे, उन्होंने गैरकानूनी रूप से गैर सैनिकों को 40 प्रतिशत ज्यादा फ्लैट देने की मंजूरी दी थी। सीबीआई की एफआईआर में उनका नाम भी शामिल था, लेकिन दिसंबर 2013 में उस समय के राज्यपाल के. शंकरनारायण ने चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।

राज्यपाल ने चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी

हालांकि मार्च 2015 में हाई कोर्ट ने चव्हाण की यह मांग मानने से इनकार कर दिया था कि उनका नाम इस केस से निकाल दिया जाए क्योंकि राज्यपाल ने भी मंजूरी देने से मना कर दिया है। इसके बाद सीबीआई ने एक बार फिर राज्यपाल से संपर्क किया और फरवरी, 2016 में राज्यपाल ने चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी।

(साभार-एनबीटी)

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