अब महिला कैदी कर सकेंगी वीडियो कॉलिंग

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महाराष्ट्र पुलिस ने महिला कैदियों के लिए नई सुविधा आरंभ की है। अब वे जेल से अपने परिजनों को विडियो कॉलिंग कर सकती हैं। अडिशनल डीजी (जेल) डॉक्टर भूषण उपाध्याय ने गुरुवार को एनबीटी को यह जानकारी दी। उपाध्याय के अनुसार, यह सुविधा सिर्फ महिला कैदियों को ही नहीं, ओपन जेलों में बंद कैदियों को भी दी जा रही है। महाराष्ट्र में 40 महिला जेल हैं, जबकि 11 ओपन (खुली) जेल हैं।

मोबाइल नंबर पहले से देने पड़ेंगे, जिन पर उन्हें बात करनी है

जेल प्रशासन ने जो फैसला किया है, उसके मुताबिक, जो कनविक्ट महिलाएं (दोषी करार) कैदी हैं, वे महीने में दो बार अपने परिवार को विडियो कॉल्स कर सकती हैं, पर जिन पर अभी मुकदमा चल रहा है और जिन्हें विचाराधीन कैदी कहा जाता है, उन्हें माह में चार बार विडियो कॉल्स करने की सुविधा मिलेगी। हर कॉल दस मिनट से ज्यादा नहीं होगी। कैदियों को जेल प्रशासन को परिवार के उन लोगों के मोबाइल नंबर पहले से देने पड़ेंगे, जिन पर उन्हें बात करनी है।

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इन मोबाइल नंबर धारकों का पुलिस वेरिफिकेशन होगा। पुलिस की रिपोर्ट फिर जेल भेजी जाएगी। इसी के बाद महिला और ओपन जेल में बंद कैदियों को इन मोबाइल नंबरों पर कॉल करने की इजाजत दी जाएगी। विडियो कॉल करने का पहले से दिन और समय निर्धारित किया जाएगा। मुंबई की आर्थर रोड और नवी मुंबई की तलोजा जेल को छोड़कर राज्य की ज्यादातर सेंट्रल जेले खुली ही हैं।

मानसिक तनाव काफी हद तक कम होगा

पुणे की यरवडा जेल में पुरुष और महिला दोनों तरह के कैदियों के लिए खुली जेलें बनाई गई हैं। इसके अलावा नागपुर, ठाणे, औरंगाबाद के पास पैठन, अहमदनगर के नजदीक वीसापुर सहित कई और शहरों में भी खुली जेलें हैं। जेल प्रशासन का मानना है कि विडियो कॉलिंग से जब महिला कैदी या खुली जेल में बंद आरोपी दूसरी तरफ अपने परिवार वालों के चेहरे देख सकेंगे, तो उनका मानसिक तनाव काफी हद तक कम होगा।

(साभार-एनबीटी)

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