सामान्य आदेश से असलहे जमा नही करा सकते-हाईकोर्ट
लेकिन यह भी कहाकि अगर किसी शस्त्रधारक से कानून व्यवस्था को लेकर खतरा हो तो उसका लाइसेंस जमा कराया जा सकता है
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असलहा धारकों को पिछले दिनों बड़ी राहत दे दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि चुनाव में असलहा जमा नहीं कराया जा सकता है. अदालत ने कहा कि सामान्य आदेश से असलहे जमा नहीं करा सकते हैं. आमतौर पर जब राज्यों में चुनाव होते हैं तो प्रशासन असलहा धारकों से उनके हथियार जमा करवा लेता है.
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चुनाव के दौरान असलहा जाम कराए जाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पूर्व के फैसलों का भी उल्लेख किया. चुनाव के दौरान प्रशासन एक सामान्य आदेश से ही सबके असलहे जमा करा लेता था. उच्च न्यायालय ने यह फैसला रविशंकर तिवारी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. गौरतलब है कि चुनाव आचार संहिता लगते ही प्रशासन लोगों के असलहे जमा कराता था.
स्क्रीनिंग कमेटी को बतानी होगी असलहा जमा कराने की वजह
प्रशासन की असलहा जमा कराने को लेकर सक्रियता बढ़ जाती थी. लोगों से असलहा जमा कराने के लिए स्थानीय पुलिस का काफी दबाव भी होता था. कई लोग अपनी जान जोखिम में पड़ जाने और सुरक्षा को लेकर तमाम दलीलें देते थे. कहीं-कहीं ऐसी भी शिकायतें मिलती रहीं कि प्रशासनिक अधिकारी अपने चहेतों या कृपा पात्रों के असलहे जमा नही कराते थे. हालाकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस बड़े फैसले से अब लोगों को इस झंझट से राहत मिल जाएगी. कोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद इस मामले में स्पष्ट आदेश दिया है. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य में सुरक्षा उपाय को आधार बनाकर लोगों से असलहा जमा करने के लिए नहीं कहा जा सकता है. हालांकि कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा है कि अगर किसी शस्त्रधारक से कानून व्यवस्था को लेकर खतरा हो तो उसके लाइसेंस जमा कराया जा सकता है, लेकिन इसको लेकर स्क्रीनिंग कमेटी को उसे भी असलहा जमा कराने की वजह बतानी होगी. स्क्रीनिंग कमेटी की अगुवाई डीएम करेंगे. इसमें एसपी, एडीएम, एएसपी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे.