Polluction: दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली- एनसीआर के कई इलाकों में एयर क्वाहलिटी इंडेक्सा अभी भी 400 के आसपास बना हुआ है. जहरीली हवा के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं. पॉल्यूशन के कारण सांस की बीमारी, स्किन इंफेक्शन के अलावा आंखों की समस्या भी हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों को ग्लूकोमा की बीमारी भी हो सकती है. ग्लूकोमा आंखों की एक बीमारी है, जिसमें आंखों की रोशनी कम होती है.
आइए जानते हैंं क्या है ग्लूकोमा…
ग्लूकोमा दरअसल आंख से जुड़ी ऐसी समस्या है जिसमें आंख की ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचने पर रोशनी कम होने लगती है. आंख से जुड़ी ये ऑप्टिक नर्व हमारे मस्तिष्क को किसी सीन से जुड़ी सारी इन्फोरमेशन भेजती है. इसी के जरिए हम किसी चीज को पहचानने का काम कर पाते हैं.
क्या हैं ग्लूकोमा के लक्षण…
दृष्टि की हानि
धुंधली दृष्टि
लगातार सिरदर्द
आँखों का लाल होना
पेट खराब, मतली और उल्टी
आँख में दर्द
प्रदूषण से आंखों को कैसे बचाएं?….
बाहर जाते समय आंखों पर चश्मा लगाएं
आंखों को बार-बार छूने से बचें
आंखों में जलन होने पर आंखों को धो लें
डॉक्टर की सलाह के हिसाब से आई ड्रॉप्स डाल लें
खुद से किसी देशी नुस्खों को न अपनाएं
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ग्लूकोमा की रोकथाम के उपचार….
ग्लूकोमा के इलाज पर नजर डालें तो इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. हालाँकि, शीघ्र निदान इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.यह सुनिश्चित करने के कुछ सर्वोत्तम तरीके हैं कि हम ग्लूकोमा का जल्द पता लगा लें.
बार-बार आंखों का चेकअप कराना
अपने परिवार के चिकित्सा इतिहास के बारे में जागरूक होने के लिए
फिट रहना और स्वस्थ खाना
ऐसे कार्य करते समय अपनी आंखों की सुरक्षा करना जिससे आंख को चोट लग सकती है.
सावधानी ही ग्लूकोमा का इलाज…
दुर्भाग्य से, ग्लूकोमा का कोई इलाज नहीं है, और इसके कारण होने वाली दृष्टि हानि अपरिवर्तनीय है. यदि कोई ओपन-एंगल ग्लूकोमा से पीड़ित है, तो उसे जीवन भर इसकी निगरानी करनी पड़ती है.
हालांकि, दवा, लेजर उपचार और सर्जरी का उपयोग करके अतिरिक्त दृष्टि हानि को धीमा करना या रोकना संभव है. यहां याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपनी दृष्टि को सुरक्षित रखने के लिए पहला कदम निदान प्राप्त करना है. इसलिए, अग