शेख हसीना की रैली में ग्रेनेड फेंकने वाले सभी 49 आरोपी बरी, हमले में मारे गए थे 24 लोग
बांग्लादेश हाई कोर्ट ने 2004 में शेख हसीना की रैली पर हुए ग्रेनेड हमले से जुड़े एक मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान और पूर्व राज्य मंत्री लुत्फोज्जमान बाबर भी शामिल थे. कोर्ट का यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है.
49 आरोपियों को निर्दोष करार दिया
हाई कोर्ट के जज जस्टिस एकेएम असदुज्जमान और सैयद इनायत हुसैन की बेंच ने यह निर्णय सुनाया और कुल 49 आरोपियों को निर्दोष करार दिया. यह मामला 21 अगस्त 2004 को ढाका के बंगबंधु एवेन्यू में हुई उस हमलावर रैली से संबंधित था, जिसमें कई ग्रेनेड फेंके गए थे. इस हमले में 24 लोग मारे गए थे और लगभग 300 लोग घायल हुए थे. हमले में शेख हसीना की जान बाल-बाल बची थीं, क्योंकि वह उस वक्त विपक्ष की नेता थीं.
इससे पहले, अक्टूबर 2018 में ढाका की एक अदालत ने लुत्फोज्जमान बाबर समेत 19 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी और तारिक रहमान समेत अन्य 19 आरोपियों को उम्रभर की सजा दी थी. इस मामले में बांग्लादेश की जासूसी एजेंसी DGFI के पूर्व प्रमुख ने गवाही दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमलावरों को उच्च अधिकारियों के निर्देश पर सुरक्षा दी गई थी.
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हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को अवैध बताते हुए कहा कि यह फैसला मुफ्ती अब्दुल हन्नान के कबूलनामे पर आधारित था, जो पहले ही फांसी पर चढ़ चुका था. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि उसका कबूलनामा दबाव में लिया गया था और जांच में जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.