अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने ली 100 साल की उम्र में अंतिम सांस…
बीते रविवार को अमेरिका के 39 वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन हो गया, उन्होंने 100 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली . उनके निधन की जानकारी अमेरिकी मीडिया द्वारा सोमवार को दी गई. बता दें कि, जिमी कार्टर साल 1977 से लेकर 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे . इस दौरान उन्होंने अपनी ईमानदारी और मानवीय प्रयासों ने देश के लोगों में अलग पहचान बनाने का काम किया था. इसके अलावा उन्होंने इजरायल और इजिप्ट के बीच शांति स्थापित करने का काम किया, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
कौन थे जिमी कार्टर?
जेम्स अर्ल कार्टर जूनियर का जन्म 1 अक्टूबर, 1924 को प्लेन्स, जॉर्जिया में हुआ था. उनके पिता किसान थे और उन्हें किताबें पढ़ने, अपने बैपटिस्ट धर्म से गहरा लगाव था. अमेरिकी नौसेना अकादमी से उन्होंने परमाणु विज्ञान में शिक्षा प्राप्त की और 1946 में डिस्टिंक्शन के साथ ग्रैजुएशन किया. उसी वर्ष उन्होंने रोजलिन स्मिथ से शादी की, जो उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनीं. रोजलिन स्मिथ का निधन 19 नवंबर, 2023 को 96 वर्ष की उम्र में हुआ था. कार्टर के परिवार में उनके चार बच्चे—जैक, चिप, जेफ और एमी—सहित 11 पोते-पोतियां और 14 परपोते-परपोतियां भी हैं.
किसानी से लेकर व्हाइट हाउस तक तय किया सफर
जिमी कार्टर जिन्होंने कभी मूंगफली की खेती की थी, एक महान नेता बनकर उभरे. उन्होंने वियतनाम युद्ध में भाग लेने से इंकार करने वाले अमेरिकी युवाओं को माफ़ी दी. वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लिया और इस मुद्दे पर काम किया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने इजराइल और मिस्र के बीच शांति समझौता कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, हालांकि ईरान में बंधक संकट और अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के हमले जैसे समस्याओं से उन्हें संघर्ष करना पड़ा था.
1979 में कार्टर ने चीन के साथ दोस्ती की पहल करते हुए ऐलान किया कि, अमेरिका चीन के साथ औपचारिक कूटनीतिक रिश्ते स्थापित करेगा. इसका मतलब यह था कि अमेरिका को ताइवान से अपने संबंध तोड़ने होंगे और ताइपे का दूतावास बंद करना पड़ेगा. हालांकि, उनका राष्ट्रपति कार्यकाल एक ही बार का था, क्योंकि 1980 के चुनावों में वह रोनाल्ड रेगन से बुरी तरह हार गए. उन्हें सिर्फ छह राज्यों में जीत मिली. कार्टर को विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार के क्षेत्र में उनके महान योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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नहीं रही अमीरी की चाह…
रिटायर होने के बाद जिमी कार्टर ने अपनी जिंदगी को बहुत ही साधारण तरीके से जीने का फैसला किया. उन्होंने आकर्षक भाषण देने और कॉर्पोरेट दुनिया से दूर रहने के साथ चुनाव लड़ने से परहेज किया. अपने राष्ट्रपति कार्यकाल से ही उन्होंने साफ़ तौर पर कहा था कि, उनका उद्देश्य पैसे कमाना नहीं है. कार्टर ने एक बार वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था, “इसमें क्या गलत है? जो लोग पैसे कमाते हैं, वे गलत नहीं हैं, लेकिन अमीर होना कभी भी मेरी महत्वाकांक्षा नहीं रही.”
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, कार्टर के घर की कीमत $167,000 थी, जो कि उनके सेवा में तैनात सीक्रेट सर्विस की गाड़ियों से भी कम थी. साल 2015 में उन्होंने बताया कि उन्हें कैंसर है और उनका इलाज चल रहा है. कार्टर के जीवन में धर्म का महत्वपूर्ण स्थान था. एक बार उन्होंने कहा था, “आप सार्वजनिक सेवा और धर्म के बीच का नाता नहीं तोड़ सकते। मैंने कभी भी भगवान और अपने सियासी कर्तव्यों के बीच कोई द्वंद्व नहीं पाया.”