सहारनपुर योगी सरकार की परीक्षा है- अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सहारनपुर की घटना पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि वहां जो हुआ वह लोकतंत्र की खतरनाक तस्वीर है।
‘BJP के सांसद और विधायकों ने खराब किया माहौल’
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी ने जनता से कहा कुछ और कर कुछ और रहे हैं। पूरे घटनाक्रम में सुनियोजित तरीके से बीजेपी के विधायक, जिला अध्यक्ष और नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। अब योगी सरकार की परीक्षा है कि वह अपने सांसदों और विधायकों पर कार्रवाई करे।
सपा अध्यक्ष ने सहारनपुर भेजी थी सपा की जांच टीम
दरअसल अखिलेश यादव ने सहारनपुर एक जांच कमेटी भेजी की थी जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद वो मीडिया के सामने आए। सपा अध्यक्ष ने कहा कि जांच कमेटी ने घटनास्थल देखा। वहां सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए।
SSP लव कुमार की अखिलेश ने की तारीफ
सहारनपुर के एसएसपी लव कुमार की तारीफ करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सहारनपुर के कप्तान अच्छे हैं, वह जहां भी रहे उन्होंने निष्ठापूर्वक कार्य किया है, उन्हें पता ही नहीं होगा कि कभी ऐसा भी उनके साथ होगा।
सहारनपुर की घटना पूरी तरह सुनियोजित थी- अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि लोकतंत्र की ये खतरनाक तस्वीर है। भाजपा ने जनता से कहा कुछ और कर कुछ रहे हैं। अखिलेश ने रिपोर्ट पर कहा कि, रिपोर्ट के मुताबिक सुनियोजित तरीके से जबरन आतंक पैदा कर केसरिया गमछा का इस्तेमाल किया गया। लोगों का जाति-धर्म पूछकर पीटा गया। बाहर से आदमी लाकर दूधली गांव में हमला किया गया। एसएसपी के बंगले पर हमला कर तोड़-फोड़ करना ये इतिहास में पहली बार हुआ है।
अखिलेश ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की
अखिलेश ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि ऐसी घटना इतिहास में कहीं नहीं मिलती। उन्होंने कहा वहां मीडिया और पुलिस तक को मारा पीटा गया।
‘सीएम की तस्वीर लगाकर, अब ख़बर नहीं दिखा रही मीडिया’
अखिलेश ने मीडिया पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आज मीडिया में हिम्मत नहीं है कि वो सच्चाई दिखा सके। मेरी सरकार में जो घटना हुई उस पर मेरी तस्वीर लगाकर चैनलों ने दिखाया। आज कितने लोगों ने सीएम का चेहरा लगाकर चलाया। अखिलेश ने आरोप लगाया कि इस सरकार में पुलिस का मनोबल गिराया जा रहा है।
नोटबंदी के बाद भी नहीं थमा नक्सली हमला- अखिलेश
छत्तीसगढ़ के सुकमा की घटना पर अखिलेश ने कहा कि यह घटना दुखद है। सरकार ने कहा कि नोटबंद हो गए हैं, नक्सली घटनाए बंद हो गईं। लेकिन घटनाएं तो बढ़ गई हैं। तीन साल की सरकार में कितने जवान शहीद हुए, पता लगाएं तो संख्या काफी ज्यादा होगी।