अखिलेश यादव ने चला बड़ा सियासी दांव, शहीद किसान परिवार को 25 लाख देने का वादा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ताधारी दल को पटखनी देने के लिए माहौल बनाने के साथ ही चुनावी एजेंडा भी सेट करने में लगे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ताधारी दल को पटखनी देने के लिए माहौल बनाने के साथ ही चुनावी एजेंडा भी सेट करने में लगे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बड़ा ऐलान किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में सरकार बनते ही किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये दिये जाएंगे।
किसान शहादत सम्मान राशि:
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। सपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कर कहा कि किसान का जीवन अनमोल होता है, क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी।
किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है।
हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी। #किसान
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2021
आंदोलन के दौरान 700 किसानों के मरने का दावा:
बता दें कि तीनों कृषि कानून की वापसी के ऐलान किए जाने के बाद से किसान आंदोलन में मरने वाले किसानों के मुआवजे की मांग उठ रही है। संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा कई राजनैतिक हस्तियां भी पीएम मोदी को खत लिखकर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले के परिवार के लिए मुआवजे की मांग कर चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार एक वर्ष से ज्यादा चले किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसान शहीद हो चुके हैं।
कैबिनेट से तीनों कानून रद्द होने के प्रस्ताव पर मंजूरी:
बता दें, बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट ने तीन नए कृषि कानूनों की वापसी वाले बिल को मंजूरी दे दी है और अब इसे संसद में पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को ही कृषि कानूनों के वापसी का ऐलान किया था। अब इस पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद बिल को संसद के शीत सत्र में पेश किया जाएगा। 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन यह बिल पेश होने वाला है।
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