एयर इंडिया फ्लाइट केस: शंकर मिश्रा के वकील का दावा, AI ने दी ‘गलत’ रिपोर्ट, कोई 9बी सीट नहीं थी

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एयर इंडिया की फ्लाइट में बुजुर्ग महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा के वकीलों ने चौंकाने वाला दावा किया है. आरोपी शंकर मिश्रा के वकीलों ईशानी शर्मा और अक्षत बाजपेई ने शुक्रवार को कहा कि एयर इंडिया ने अपनी ‘गलत’ रिपोर्ट दी हैं, जिसमें मनगढ़ंत बातें बनाई गई हैं. आरोपी शंकर मिश्रा के वकीलों ईशानी शर्मा और अक्षत बाजपेई ने कहा कि उन्हें ‘पर्याप्त स्पष्टीकरण’ नहीं मिला है कि कैसे शंकर मिश्रा ने 9ए सीट पर बैठे शिकायतकर्ता बुजुर्ग महिला के ऊपर पेशाब की.

दरअसल, बीते गुरुवार को विमानन कंपनी एयर इंडिया ने आरोपी शंकर मिश्रा पर बुजुर्ग महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोप 4 महीने का हवाई यात्रा प्रतिबंध लगाया था. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा था कि यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होता है और शंकर मिश्रा पर पहले लगाए गए 30 दिन के प्रतिबंध के अलावा है. वहीं, इस मामले पर आरोपी शंकर मिश्रा के वकीलों ईशानी शर्मा और अक्षत बाजपेई की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है.

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बता दें बीते 26 नवंबर, 2022 को आरोपी शंकर मिश्रा ने अमेरिका के न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट में बुजुर्ग महिला सहयात्री पर नशे की हालत में कथित रूप से पेशाब कर दिया था. इसको लेकर आरोपी शंकर मिश्रा के वकील ने कहा कि जांच कमेटी का फैसला विमान की संरचना की गलत समझ पर टिका है. वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल पर जिस सीट नंबर 9बी पर कथित तौर पर पेशाब करने का आरोप है, वह सीट नंबर बिजनेस क्लास में है ही नहीं.

आरोपी शंकर मिश्रा के वकील ने कहा कि

‘जांच कमेटी ने गलती से मान लिया कि बिजनेस क्लास में सीट 9बी थी, जबकि उसके बिजनेस क्लास में कोई सीट 9बी नहीं है. वहां केवल 9ए और 9सी सीट है. एयरलाइन ने अपनी जांच में ‘काल्पनिक सीट’ का सहारा लिया. जांच कमेटी ने अनिवार्य रूप से एक संभावना तैयार की है कि उनके मुवक्किल ने वहां कथित तौर पर पेशाब किया था. यह रिपोर्ट आश्चर्यजनक है, क्योंकि जांच कमेटी में दो विमानन विशेषज्ञ थे. हम आरोपी की बेगुनाही बरकरार रखते हैं और हमें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.’

वहीं, इससे पहले इस मामले में डीजीसीए ने एयर इंडिया कंपनी पर नियमों के उल्लंघन के लिए 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. साथ ही, अपनी ड्यूटी करने में नाकाम रहने के लिए फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड के लाइसेंस को 3 महीने के लिए रद्द कर दिया है. इसके अलावा, एयर इंडिया की निदेशक-इन-फ्लाइट सेवाओं पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

 

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