वर्षों बाद अक्टूबर में पड़ रही रिकॉर्ड तोड़ गर्मी…

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अक्टूबर महीने में आमतौर पर गुलाबी जाड़ा पड़ने लगता है, लेकिन इस साल अक्टूबर ने एक खास रिकॉर्ड बना दिया है. जी हां शुक्रवार को मौसम विभाग ने अक्टूबर को सबसे गर्म महीना बताया है. बीते अक्टूबर में मध्य भारत के कई सारे प्रदेशों में तापमान चार्ट काफी हाई रहा है जबकि, 1951 के बाद उत्तर – पश्चिम भारत अब सबसे गर्म महीना होने का रिकॉर्ड बना दिया है, लेकिन इसके पीछे की वजह क्या रही है आइए जानते हैं…

मौसम विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, भारत में 1901 के बाद 1951 में ऐसा हुआ था, इसके बाद इस साल अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी है, इस महीने औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है. वही इसको लेकर आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि, ”अक्टूबर में औसत तापमान 26.92 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद से सबसे गर्म तापमान है, जबकि सामान्य तापमान 25.69 डिग्री सेल्सियस होता है. न्यूनतम तापमान भी पूरे देश के सामान्य तापमान 20.01 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले 21.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.”

नवंबर महीने के दूसरे हफ्ते में तापमान में आएगी गिरावट

इसके साथ ही मौसम विभाग ने बताया है कि, इस साल नवंबर महीने के दूसरे हफ्ते तक देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर बना रहने वाला है, लेकिन नवंबर के दो हफ्ते के बाद तापमान में हल्की गिरावट आ सकती है. इसके साथ ही नवंबर के आखिर में तापमान सही से नीचे जा सकता है.

लेकिन अक्टूबर महीने में गर्मी पड़ने के पीछे की वजह साझा करते हुए आईएमडी चीफ ने बताया है कि, ”इसके पीछे की वजहों में निम्न दबाव, समर मॉनसून का देरी से जाना और अक्टूबर में पश्चिमी विक्षोभ शामिल है. इसके साथ ही नवंबर महीने को लेकर बताया है कि, अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा, जिसके चलते उत्तर-पूर्व, पूर्व मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में दिन गर्म रहेंगे. वहीं, पश्चिम मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत को जोड़ने वाले इलाकों में दिन में सामान्य या सामान्य से नीचे तापमान रह सकता है”

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इस साल कैसा रहेगा ठंड का मिजाज ?

इस साल देश में ठंड के मिजाज को लेकर मौसम विभाग ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है, इसके पीछे की वजह है अभी तक ला नीना बन नहीं पा रहा है. ला नीना बनने के बाद ही इस पड़ने वाली ठंड का अंदाजा लगाया जा सकता है, वही आईएमडी प्रमुख का कहना है कि, ”सभी प्रमुख ग्लोबल मॉडल्स ने नवंबर-दिसंबर में ला नीना बनने के संकेत दिए थे. लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो अब हमें फिर से लेटेस्ट ग्लोबल मॉडल्स का इंतजार करना होगा, तभी हम बता पाएंगे कि इस साल देश में कितनी और कब तक ठंड पड़ेगी.”

वही नवंबर औऱ दिसंबर माह में ला नीना बनने का बाद का अनुमान है कि, अगर ऐसा होता है तो फिर दिसंबर से फरवरी के माह में भयंकर सर्दी पड़ने वाली है. साथ ही आईएमडी प्रमुख ने कहा है कि, ”ला नीना आमतौर पर ठंड के मौसम में उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में तापमान में गिरावट से जुड़ा हुआ है. लेकिन अभी हम इस बारे में कुछ भी भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहाकि इस बारे में शोध चल रहा है कि हालात अनुकूल होते हुए भी आखिर अभी तक ला नीना क्यों नहीं तैयार हुआ है. हमें यह भी देखना होगा कि आखिर सभी ग्लोबल मॉडल्स में क्या गलत हुआ?”

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