पूर्व अधिकारी : मेरे ट्रांसफर के बाद रची ‘हिंदू आतंकवाद’ की कहानी

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मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों के रिहा होने के बाद एक बार फिर ‘भगवा आतंकवाद’ को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है और सोनिया-राहुल से माफी मांगने को कह रही है। उधर, गृह मंत्रालय के पूर्व अधिकारी आरवीएस मणि ने कहा है कि उनके ट्रांसफर के बाद मंत्रालय में ‘हिंदू आतंकवाद’ की कहानी गढ़ी गई।

हिंदू आतंकवाद का कोई ऐंगल ही नहीं था

असीमानंद समेत अन्य आरोपियों को बरी करने वले जज के इस्तीफे पर भी मणि ने कहा कि केंद्र के दबाव की कोई वजह ही नहीं हो सकती है।आपको बता दें कि आरवीएस मणि ने मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद कहा था कि उन्हें ऐसे फैसले की ही उम्मीद थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि हिंदू आतंकवाद का कोई ऐंगल ही नहीं था।

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मणि ने कहा था कि मक्का मस्जिद पर हमला के साजिश रचने वालों को एनआईए के दुरुपयोग से बचाया गया था। मणि ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि जिन्हें झूठा फंसाया गया क्या उनकी क्षतिपूर्ति होगी?गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रटरी आरवीएस मणि ने अब कहा है कि हिंदू आतंकवाद के बीज उनके ट्रांसफर के बाद बोए गए थे। उन्होंने कहा कि मैं सत्य के साथ खड़ा हूं और मेरा इसमें कोई हित नहीं जुड़ा। मणि ने कहा कि मैंने 22 महीने पहले ही स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लिया था।

स्पेशल एनआईए कोर्ट जज ने इस्तीफा दे दिया था

एनआईए के जज के इस्तीफे पर टिप्पणी करते मणि ने कहा कि स्पेशल एनआईए जज केंद्र द्वारा नहीं चुने जाते। ऐसे में कोई तरीका नहीं जिससे केंद्र जजों पर दबाव बना सके। मणि ने कहा कि अगर वह कह रहे हैं कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया तो हमें इसका अवश्य सम्मान करना चाहिए। आपको बता दें कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला सुनाने के बाद स्पेशल एनआईए कोर्ट जज ने इस्तीफा दे दिया था।

NBT

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