लखनऊ की आबोहवा में दम घुटता है…
दिल्ली के बाद राजधानी लखनऊ की आबोहवा को भी अब प्रदूषण (pollution) की नजर लगती नजर आ रही है। लखनऊ की हवा जहरीली हो रही है। इससे लड़ने के लिए जिला प्रशासन सख्त हो गया है। उत्तर प्रदेश पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की सिफारिश पर कई कदम उठाए है। मंगलवार को डीएम कार्यालय में बैठक करके निर्देश दिए गये हैं।
इसके लिए सरकार और प्रशासन ने कमर कस ली है। 15 फरवरी तक ईंट-भट्ठे और हॉटमिक्स प्लांट बन्द करने के आदेश दिए गये हैं। साथ ही निर्माण एजेंसियों को निर्माण सामग्री ढंककर रखने के भी आदेश दिए गये है। राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में सबसे ज्यादा लालबाग और निशातगंज की हवा खराब है।
वाहन का प्रदूषण चेक न कराने वालों के खिलाफ होगी सख्ती
इसके अलावा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 20 प्रमुख चौराहों पर जाम न लगने देने के आदेश दिये गये हैं। इतना ही नहीं, प्रदूषण जांच न कराने वालों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए वाहन सीज करने के भी आदेश दिए हैं।
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साथ ही खास अभियान चलाए जाएंगे। जिला प्रशासन में 17 विभागों की बैठक बुलाई थी। 3 नवम्बर तक प्रदूषण कम करने के लिए किये कार्यों की रिपोर्ट मांगी गयी है।
ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रदूषण को रोकने के लिए हम समाधान के प्रयास कर रहे हैं और गाइडलाइन का अनुपालन किया जा रहा है। दिल्ली से लेकर प्रदेश तक में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं।
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