भूख से मौत के बाद मदद करने वालों की लगी लाइन
महिला की भूख से मौत हो गई थी। मौत के बाद रिश्तेदारों से लेकर पड़ोसियों तक का मदद के लिए ताता लगा हुआ है। ये आधार कार्ड की व्यवस्था न जाने कितनी जाने लेगा। राशन दुकानों में आधार कार्ड की व्यवस्था के चलते एक और मौत की खबर सामने आई हैं। बरेली में महिला बीमारी के कारण बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन के लिए राशन की दुकान पर नहीं जा पा रही थी, जिसके चलते राशन नहीं मिल पाया हैं और भूख से जान चली जायेगी।
पड़ोसियों की तरफ से खाने पीने की मदद पहुंचाई जा रही है
आपको बता दे कि ये पहला मामला नहीं है इससे पहले भी झारखंड में एक मासूम की भूख से मौत हो गई थी। जिसकी वजह आधार कार्ड से राशन न मिल पाने की बताई गई थी। ये दूसरा मामला बरेली का है 50 साल की शकीना की को राशन न मिल पाने के कारण मौत हो गई। शकीना की मौत के बाद उसके पास पड़ोसियों की तरफ से खाने पीने की मदद पहुंचाई जा रही है।
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बड़ा सवाल ये उठ रहा हैं कि जीते जी अगर उसको खाना मिल गया होता तो शायद ये नौबत नहीं आती। तो दूसरी तरफ भूख से हुई इस मौत ने राजनीतिक सरगर्मियों को बढ़ा दिया है। विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटना पर दुखद व निराशा व्यक्त की है और इसे ‘सिस्टम’ की खामी करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा कि गरीब महिला की भूख से मौत ‘लोकतंत्र पर धब्बा’ है।
शकीना की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है
उन्होंने कहा कि अगर महिला बीमार थी और बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन के लिए राशन दुकान पर अनाज लेने नहीं जा सकी, तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक प्रणाली होनी चाहिए।अखिलेश यादव ने कहा, “सिस्टम के नाम पर बनाए गए नियम किसी की जिंदगी से बड़े नहीं हैं, यह काफी दुखद है। हालांकि, बरेली जिला प्रशासन का कहना है कि शकीना की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है।
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वहीं, शकीना के परिवार वालों का कहना है कि उसकी मौत भूख से हुई है, क्योंकि राशन लाने दुकान पर गए उसके पति को राशन इसलिए नहीं दिया गया कि राशन कार्ड शकीना के नाम पर था और वह खुद वहां नहीं जा सकी। नायब तहसीलदार, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और जिला आपूर्ति अधिकारी की अधिकारियों के एक दल ने शकीना के पति और उसके बच्चों के बयान रिकॉर्ड किए हैं।
मृतका के पास उसके बैंक खाते में 4,572 रुपये थे
मीरगंज के एसडीएम राम अक्षय ने भुखमरी के कारण मौत को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि यह ‘आधारहीन और झूठ’ है। एसडीएम ने कहा, “हमने डीएम को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इस तरह से कुछ भी आरोप नहीं लगाया गया है। मृतका के पास उसके बैंक खाते में 4,572 रुपये थे। तो अत्यधिक गरीबी का दावा सही नहीं है। हालांकि, पड़ोसियों का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थी। भाजपा शासित झारखंड में हाल ही में भूख से एक बच्ची सहित दो लोगों मौत हुई, लेकिन पहले इस पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया गया था।
क्या कहते है शकीना के पड़ोसी
शकीना के पड़ोसी का कहना है कि कोटेदार शकीना के घर में आकर राशन पहुंचा दिया। इतना ही नहीं प्रशासन के आधिकारियों ने भी 5 कंबल भी दिये। लोगो का कहना हैं राशन की दुकानों में आधार कार्ड की और बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन को मौत की वजह बता रहे है।
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