उत्तर प्रदेश : जानिये कैसे महराजगंज में हार गया कोरोना

डाक्टरों की टीम के सुरक्षा चक्र ने 14 दिन में इस संक्रमण पर विजय पा ली

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महाराजगंज : उत्तर प्रदेश के महराजगंज में जिला प्रशासन Administration, स्वास्थ्य विभाग की सर्तकता और लोगों की सूझबूझ से कोरोना हार गया। जिले के कुम्हरिया बुजुर्ग के दो, बड़हरा इंद्रदत के एक, विशुनपुर कुर्थिया के दो, विशुनपुर फुलवरिया के एक पॉजिटिव मरीज को चार अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिठौरा जगदौर के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था।

हड़कंप मच गया था

जिसके बाद से हड़कंप मच गया था,लेकिन Administration की कार्यकुशलता और लोगों की सूझ-बूझ के कारण डाक्टरों की टीम के सुरक्षा चक्र ने 14 दिन बाद इस संक्रमण से विजय पा ली। सभी संक्रमित स्वस्थ हो गये। महराजगंज जिला कोरोना मुक्त हो गया।

क्वारंटीन किया गया और सैंपल जांच के लिए भेजे गये

महराजगंज के जिलाधिकारी डा़ उज्जवल कुमार ने बताया, “Administration को 21 लोगों की मरकज में शामिल होने की सूचना मिलते ही सभी को क्वारंटीन किया और उनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। जिसमें से तीन लोग पॉजिटिव पाए गए। इसके तुरंत बाद पूरे तीन किलोमीटर के एरिया को सील कर दिया गया। वो लोग जिससे मिले थे, उन्हें क्वारेंटीन किया गया। साथ ही पूरे तीन किलोमीटर के इलाके में सेनिटाइजेशन का काम किया गया।

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7154 घरों का सर्वे किया गया

पूरे इलाके में Administration ने सर्वे करने के लिए 90 टीमों का गठन किया गया। इस दौरान 7154 घरों का सर्वे किया गया और 39,686 लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई। जिन 6 लोगों को पॉजिटिव पाया गया। उन सभी को 30 बेड के कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।”

जिला के मुख्य चिकित्साधिकारी डा़ अशोक श्रीवास्तव ने बताया, “हमारे जिले में टीम वर्क के रूप में इस टास्क को लिया गया। तीन चरणों में डाक्टरों की ड्यूटी लगायी जाती थी। सुबह 6 बजे से दोपहर तक नौ लोगों का स्टॉफ रहता था। दूसरे चरण दो बजे रात 10 बजे तक होता था।”

अस्पताल को डाक्टरों के आने से पहले सैनिटाइज किया जाता है

उन्होंने बताया, “हम लोग इस बीमारी से पूर्णतया सचेत थे। जिस कारण विजय मिली। हर रोज अस्पताल को डाक्टरों के आने से पहले सैनिटाइज किया जाता है। इसके अलावा भर्ती मरीज के भोजन-नास्ते का पूरा ध्यान रखा जाता है। मरीजों को डाक्टरों की निगरानी में पौष्टिक भोजन दिया जाता था। जिससे उनके अंदर प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। यही सब जरूरी बातों का चिकित्सकों ने ध्यान रखा। जिससे इतनी जल्द इस वायरस से हमारा जिला मुक्त हो गया।”

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मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें होम क्वोरंटीन किया गया है। यह सभी 14 दिनों तक घरों में रहेंगे। सभी जरूरी सुझावों पर अमल करेंगे।

गांव वाले अनपढ़ होंने के बावजूद सजग रहे

फुलवारिया गांव के रमेश चन्द्रकांत ने बताया, “यहां पर संक्रमण पाये जाने के बाद हर चीज में पाबंदी लगा दी गयी थी। लेकिन गांव वाले अनपढ़ होंने के बावजूद भी सजग रहे। इन लोगों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का पूरा साथ दिया, इसी कारण हमारा जिला आज कोरोना मुक्त हो सका है।”

शासन ने स्पष्ट किया है कि महराजगंज भले ही कोरोनामुक्त हो गया हो, पर यहां पर 3 मई तक बंदिशें जारी रहेंगी। हॉटस्पॉट बने कम्हरिया बुजुर्ग, बड़हरा इंद्रदत, विशुनपुर कुर्थिया व विशुनपुर फुलवरिया की सीमाएं सील रहेंगी। बाहरी व्यक्ति के जाने की इजाजत नहीं होगी। पुलिस की सख्ती जारी रहेगी। पहले की तरह प्रशासन Administration व स्वास्थ्य विभाग की निगरानी जारी रहेगी।

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