फिल्म की कहानी से बढ़कर कुछ नही : गिप्पी ग्रेवाल

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हिंदी और पंजाबी फिल्मों में हाथ आजमा चुके अभिनेता व गायक गिप्पी ग्रेवाल का कहना है कि एक फिल्म तब बड़ी बन जाती है, जब इसकी कहानी अच्छी होने के साथ ही इससे बड़े सितारे भी जुड़ जाते हैं। गिप्पी का वास्तविक नाम रुपिंदर है। वह पंजाबी फिल्म ‘जट्ट जेम्स बांड’ और हिंदी फिल्म ‘सेकेंड हैंड हसबैंड’ में काम कर चुके हैं।

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उनकी नई फिल्म फरहान अख्तर अभिनीत लखनऊ सेंट्रलहै

उनकी नई फिल्म फरहान अख्तर अभिनीत ‘लखनऊ सेंट्रल’ है। यह पूछे जाने पर कि क्या बड़े कलाकारों की मौजूदगी नए कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देती है तो उन्होंने आईएएनएस को बताया, “मुझे लगता है कि फिल्म अच्छी तरह से बनी होनी चाहिए।

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अभिनेता ने कहा कि बजट के अलावा हिंदी और पंजाबी फिल्म उद्योग में कोई अंतर नहीं

अभिनेता ने कहा कि बजट के अलावा हिंदी और पंजाबी फिल्म उद्योग में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे बजट में सिर्फ अंतर है। हिंदी फिल्म की तुलना में हमारी फिल्मों का बजट कम होता है।

गिप्पी ने आगे कहा, “हम 25-30 दिन में फिल्म बना लेते हैं और बॉलीवुड में 60-70 दिनों में या कभी-कभी 200-300 दिनों में भी कुछ फिल्में बनती हैं, तो इससे फर्क पड़ता है। जब आपके पास सोचने का समय होता है तो फिल्म बेहतरीन बनती है।”

गिप्पी का मानना है कि फिल्म की कहानी से बढ़कर बड़ा कुछ भी नहीं है।

उन्होंने कहा, “फिल्म की कहानी से बढ़कर कुछ भी बड़ा नहीं है, लेकिन अगर कहानी के साथ बड़े फिल्मी सितारे भी आ जाते हैं तो फिल्म बड़ी बन जाती है।

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