‘सक्रिय क्षय रोगी खोज’ अभियान की शुरूआत, वाराणसी में घर-घर हो रही स्क्रीनिंग
वाराणसी में छुपे हुए क्षय रोगियों को खोजने को लेकर‘सक्रिय क्षय रोगी अभियान’ शुरू किया गया है.
वाराणसी में छुपे हुए क्षय रोगियों को खोजने को लेकर सोमवार से ‘सक्रिय क्षय रोगी अभियान’ शुरू किया गया है. जिलाधिकारी के निर्देश के अनुसार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पर्यवेक्षण में अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं. स्क्रीनिंग में टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों के बलगम (स्पूटम) को एकत्रित कर जांच के लिए भेजा जा रहा है. इसके साथ ही पॉज़िटिव व्यक्तियों का नोटिफिकेशन करते हुए तत्काल उपचार पर रखा जा रहा है. साथ ही टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत जन जागरूकता संबंधी गतिविधियां की जा रही हैं.
एसीएफ अभियान के पहले दिन क्या हुआ
इसके बारे में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. पीयूष राय ने बताया है कि एसीएफ अभियान के पहले दिन सोमवार को जनपद की समस्त 23 टीबी यूनिट पर स्वास्थ्यकर्मियों ने 10,069 घरों का भ्रमण किया. इस दौरान 59,630 लोगों की स्क्रीनिंग की गई. इनमें दौरान 337 व्यक्तियों में टीबी से मिलते जुलते लक्षण पाये गए.
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इसमें से 194 संभावित व्यक्तियों की जांच की गई. जिसमें 11 व्यक्तियों में टीबी की पुष्टि की गई. इसके साथ ही इन सभी रोगियों का नोटिफिकेशन करते हुए तत्काल उपचार के लिए रखा गया.
प्रशिक्षण के साथ अभियान की शुरुआत
डीटीओ ने बताया कि एसीएफ अभियान में जनपद की कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत एरिया को कवर किया जा रहा है. टीबी मरीजों की तलाश के लिए कुल 198 टीमों का गठन किया गया है.
निगरानी के लिए पांच टीमों पर एक पर्यवेक्षक नामित किया गया है. कुल 40 पर्यवेक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है. सभी को प्रशिक्षण देकर अभियान की शुरुआत की गई है.
स्पूटम लेकर हो रही जांच
इसके साथ ही प्रत्येक टीबी यूनिट पर एक-एक मेडिकल आफिसर भी नामित किया गया है. जांच टीम संभावित टीबी की जांच के लिए स्पूटम ले रही है. अभियान में हाई रिस्क वाले एरिया को भी चिह्नित किया गया है.
जिसमें जेल, कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, विद्यालय, वृद्धा आश्रम, मलिन बस्ती अन्य संभावित स्थानों पर भी जांच टीम जाएगी और स्पूटम लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजेगी.
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टीबी पॉज़िटिव मिलने पर मरीजों का उपचार शुरू किया जाएगा. स्पूटम की माइक्रोस्कोपी लैब में जांच भी की जा रही है. बलगम की जांच में टीबी का बैक्टीरिया नहीं पाया जाता है तो मरीज का चेस्ट एक्सरे भी किया जाएगा. टीबी का संक्रमण मिलने पर मरीजों का उपचार शुरू होगा.