एक ऐसा गांव जहां पैदा होते है दिव्यांग बच्चे!

0

जम्मू। जम्मू का पिछड़ा इलाका माना जाने वाला डोडा जिले का गांव धड़काई समाज के लोगों के लिए अभिशप्त सा हो गया है। ये ऐसा गांव है जहां देश में सबसे अधिक बच्चे दिव्यांग (गूंगा-बहरा) हैं। इस बीमारी को लेकर बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी खासे परेशान हैं।

यह बीमारी अनुवांशिक है या किसी अन्य कारण से हो रही है, इसका पता लगाने तक का प्रयास अब तक की किसी भी सरकार ने नहीं की। जबकि इस बीमारी ने युवाओं का जीवन नारकीय बना दिया है। आश्चर्य जनक बात यह है कि ये गांव पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के पुस्तैनी घर के बिलकुल पास है।

कुछ लोग इसे दैवीय अभिशाप मान रहे हैं। गांव के हर तीन बच्चों में से दो बच्चे इस बीमारी के शिकार हैं। ऐसे दिव्यांगों की संख्या करीब 80 प्रतिशत है। जबकि अगल बगल के अन्य गांवों में यह बीमारी नहीं है।

नन्हे मेहमान के आने से लगता है डर

आमतौर पर परिवार में नन्हें मेहमान के आने की खबर मिलते ही खुशियां मनाई जाती हैं लेकिन धड़काई गांव में नन्हें मेहमान के आने की खबर मिलते ही पूरा परिवार सहम जाता है। उन्हें हर बच्चे के जन्म पर डर सताता है कि कहीं फिर कोई गूंगा-बहरा बच्चा तो नहीं आ रहा।

नहीं हो पाती शादी 

हमारे संवाददाता ने जब इस गांव का दौरा किया तो पाया कि गांव में रह रहे गूंगे-बहरों में कोई भी खुश नहीं है। क्योंकि मूक-बधिर होने के कारण गांव के युवाओं का विवाह भी नहीं हो पाता है। अगल-बगल के गांव वाले धड़काई में शादी करने को तैयार ही नहीं होते। जिससे मजबूर होकर युवाओं को सारी जिन्दगी कुंआरा ही रहना पड़ता है।

किसी ने भी नहीं की पहल

कहने को केंद्र व राज्य सरकारें कश्मीरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन बीते कई साल से गांव में फैली इस बीमारी का इलाज तो दूर इसका कारण जानने तक की पहल स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने नहीं की। जिससे इन परिवारों को मानसिक परेशानी के साथ उपेक्षा का दंश झेलना पड़ रहा है। हद तो यह है कि खुद को गरीबों का मसीहा बताने वाले जनप्रतिनिधि भी यहां सिर्फ वोट मांगने ही पहुंचते हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More