सोचिए अगर एक दिन यूपी पुलिस ड्यूटी पर तो आए, लेकिन काम ना करें। ना शिकायत सुनें। ना कार्रवाई करे। तो क्या होगा। जाहिर है सूबे में अफरा-तफरी का माहौल हो जाएगा। कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। विवेक तिवारी हत्याकांड में अब ऐसे ही विरोध की साजिश का अंदेशा बना हुआ है। जिसका खुलासा एक सीक्रेट लेटर से हुआ है। पुलिस अलर्ट पर है। पूरी कोशिश है कि विरोधियों का ये प्लान नाकाम किया जाए।
खूफिया सूत्रों ने बड़ी साजिश का डर जताया है…
क्या यूपी पुलिस के जवान अंदर-अंदर सुलग रहे हैं? क्या विरोध के नाम पर रची गई है बड़ी साजिश? क्या विवेक तिवारी हत्याकांड से उठी चिंगारी शोला बनकर भड़केगी? ये सवाल इसलिए, क्योंकि खुद यूपी पुलिस के खूफिया सूत्रों ने बड़ी साजिश का डर जताया है। आशंका जाहिर की है कि विवेक तिवारी हत्याकांड का चैप्टर आरोपी कांस्टेबल प्रशांत की गिरफ्तारी से बंद नहीं हुआ है। बल्कि प्रशांत के समर्थन में बड़ी मोर्चाबंदी की प्लानिंग हो रही है। जिसका सबूत है एक चिट्ठी।
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चिट्ठी के ऊपर लिखा है परम गोपनीय। यानी टॉप सीक्रेट। यूपी पुलिस की ये सीक्रेट चिट्ठी एक समाचार चैनल के हाथ लगी है। ये चिट्ठी मेरठ के एसपी इंटेलीजेंस आर.पी. पांडे ने 9 जिलों के पुलिस विभाग को भेजी है। चिट्ठी में उन्होंने व्हॉट्सएप पर वायरल एक मैसेज का जिक्र किया है और ये आशंका जताई है कि सोशल मीडिया के जरिए पुलिस को भड़काया जा रहा है।
उस वायरल मैसेज से साफ है कि कोई अंदर ही अंदर खाकी को विरोध के लिए उकसा रहा है। मैसेज में विरोध का तरीका भी बताया गया है। उस मैसेज को सभी ग्रुप में फारवर्ड करने की बात भी कही जा रही है। ये चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा किया तो कल आपका होगा। नहीं तो हर जगह मार खाते रहोगे।
पुलिसवालों ने पहले पट्टी बांधकर विरोध जताया और अब अब काम ना करने की साजिश रची जा रही है? ये मैसेज कौन किसको भेज रहा है, ये साफ नहीं है। लेकिन जिस तरह से हाल ही में काली पट्टी बांधकर कुछ पुलिसवाले विरोध का ट्रेलर दिखा चुके हैं। उससे यही लग रहा है कि अब 10 अक्टूबर आगे की पिक्चर देखने को मिलेगी। हालांकि डीजीपी कह रहे हैं कि उन्हें अपने जवानों पर पूरा भरोसा है।
उस वायरल मैसेज को यूपी पुलिस कितनी गंभीरता से ले रही है। इस सीक्रेट चिट्ठी से साफ है। इंटेंलीजेंस ने इस पर अलग-अलग जिलों से खूफिया सूचना भी मांगी है। ताकि पुलिस के विरोध की चिंगारी शोला ना बन सकें और यूपी पुलिस की साख बच जाए। साभार
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