कूढ़े के ढ़ेर में पड़ा मिला ‘मैन ऑफ द मैच का ‘चेक’
क्रिकेट में मैच के बाद सम्मान समारोह में लाखों की इनामी राशि बांटी जाती है। आजकल इनमें मैच ऑफ द मैच के अलावा सबसे ज्यादा छक्के, स्ट्राइकर ऑफ द मैच जैसे कई पुरस्कार भी बांटे जाने लगे हैं। इसमें दी जाने वाली राशि चेक से दी जाती है।
रवींद्र जडेजा को दिए गए रेप्लिका चेक कचरे में दिखाई दिया
खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण समारोह में ‘रेप्लिका चेक’ दिया जाता है जो कि वास्तविक नहीं बल्कि केवल प्रतीकात्मक होता है जिसे दर्शक देख सके। लेकिन हैरानी की बात यह है कि आखिर इन बड़े चेकों को होता क्या है। तिरुवनंतपुरम वनडे में भारत के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को दिए गए रेप्लिका चेक कचरे में दिखाई दिया।
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भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे सीरीज के आखिरी वनडे में रवींद्र जडेजा मैन ऑफ द मैच रहे. जडेजा ने 34 रन देकर चार विकेट लिए. उनके इस प्रदर्शन पर पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपये दिए गए. जडेजा को भी एक रेप्लिका चेक दिया गया. रेप्लिका चेक वास्तविक चेक नहीं होता और पुरस्कार समारोह के बाद उसका कोई भी मूल्य भी नहीं होत, यहां तक कि उसे यादगार के तौर पर भी नहीं रखा जाता क्योंकि उसके लिए एक अलग से ट्रॉफी प्रदान की जाती है.
मैच के बाद यह हाल होता है इन चेक का
दरअसल मैच के बाद यह रेप्लिका चेक कचरा में ही जाते हैं. इसी मुद्दे को फेसबुक पर एक प्रकृति नाम की एनजीओ ने उठाया है. एनजीओ ने बीसीसीआई से अपील की है कि वे इस रेप्लिका चेक को बनाने में प्लास्टिक और नॉन बायोडिग्रेडेबल सामग्री का प्रयोग कम करें। इस पोस्ट में एक फोटो है जिसमें एक सफाई कर्मचारी इस रेप्लिका चेक को पकड़े खड़ा है. पोस्ट में लिका है कि फोटो सब कुछ कह रही है।
तिरुवनंतपुरम शायद रवींद्र जडेजा को दिए गए मैन ऑफ द मैच पुरस्कार के रूप में दी गई इस ‘शीट’ को पकड़े उस क्षण को नहीं भूला होगा, जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार खेल से जीती थी। हां हम ऐसे ही मैन ऑफ द मैच या मैन ऑफ द सीरीज को प्रमोशन और फोटो वगैरह खींच कर प्रोत्साहित करते हैं। उसके बाद क्या होता है? यह देखिए, यह किसी और की जिम्मेदारी हो जाती है। साभार
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