उन्नाव : ये है…गैंगरेप और मौत की इनसाइड स्टोरी
उन्नाव में गैंगरेप और पीड़िता के पिता की मौत के बाद एक नया मोड़ आ गया है। एक समाचार पत्र में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। इस कहानी ने एक फिल्मी रुख ले लिया है। मीडिया में आ रही खबरो के मुताबिक पीड़िता के पिता, चाचा और ताऊ आरोपी विधायक जिगरी दोस्ती थी। इन तीनों की दोस्ती (friend) और दबंगई के किस्से पूरे उन्नाव में थे।
युवती का ताऊ इन सब में ज्यादा दबंग थे
2002 से इन तीनों की दोस्ती में खटास आनी शुरु हो गई। यहीं से कुलदीप ने तीनों से किनारा करना शुरु कर दिया। 2002 में पहली बार विधायक बनने के बाद कुलदीप सिंह ने तीनों भाइयों से किनारा करना शुरू कर दिया, जो आज पारिवारिक रंजिश के रूप में सामने है।लंबे अरसे से उन्नाव जिले में तैनात एक दीवान के मुताबिक, युवती का ताऊ इन सब में ज्यादा दबंग थे। वह विधायक बनने के बाद भी कुलदीप को हमेशा नाम लेकर बुलाते थे।विधायक बनने के बाद अपनी छवि बचाने के लिए कुलदीप ने इनसे कन्नी काटनी शुरू कर दी।
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तीनों भाइयों को लगा कि विधायक बनने के बाद कुलदीप के भाव बढ़ गए हैं, इसलिए वह भी कुलदीप को नीचा दिखाने के कोशिश में लगे रहते थे। यह मनमुटाव धीरे-धीरे बढ़ कर यहां तक पहुंच गया। युवती के ताऊ पर करीब दर्जन भर आपराधिक मामले माखी और आसपास के थानों पर दर्ज थे। 10 साल पहले उन्नाव शहर में जनता ने ईंट-पत्थरों से हमला कर युवती के ताऊ को मार दिया था। परिवारजनों का आरोप था कि उनकी हत्या के पीछे विधायक कुलदीप सिंह की साजिश थी। पीड़ित युवती के ताऊ की मौत के बाद उसका चाचा दिल्ली भाग गया। उस समय उसके ऊपर भी करीब दस मुकदमे थे, जबकि पिता के ऊपर 27 आपराधिक मामले दर्ज थे।
विधायक के करीबी विनोद मिश्र ने लिखवाई
कोर्ट के आदेश पर विधायक के भाई पर रेप का मुकदमा दर्ज होने के बाद युवती के पिता और चाचा के खिलाफ उन्नाव जिले के माखी और सफीपुर थानों में पांच मुकदमे दर्ज करवाए गए। इनमें चार मुकदमे चाचा के खिलाफ तो एक उसके पिता के खिलाफ दर्ज कराया गया। दिल्ली में कारोबार करने वाले युवती के चाचा के खिलाफ 21 अक्टूबर 2017 से लेकर 15 नवंबर 2017 के माखी और सफीपुर कोतवाली पुलिस ने चार मुकदमे दर्ज किए। चारों एफआईआर दर्ज करवाने वाले विधायक कुलदीप के नजदीकी हैं। पहला मामला कुलदीप सिंह की पड़ोसी महिला ने दर्ज करवाया। आरोप लगाया कि युवती का चाचा धोखे से उसे अपने घर ले गया था। दूसरी एफआईआर विधायक के करीबी विनोद मिश्र ने लिखवाई।
ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह ने दर्ज करवाया
आरोप लगाया कि उस पर जान से मारने की नीयत से फायर किया। तीसरी रिपोर्ट विधायक के रिश्तेदार राजकुमार ने एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने की लिखवाई। इसी तरह चौथा मुकदमा विधायक के नजदीकी नवाबगंज के ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह ने दर्ज करवाया। विधायक पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली युवती की बहन ने पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर मीडिया के सामने आरोप लगाया कि उसके पिता की जेल में पिटाई की गई है। हालांकि उन्नाव प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया, लेकिन घटनाक्रम कुछ ऐसा है जिससे युवती के पिता की मौत में शक की सुई जेल प्रशासन और विधायक कुलदीप सिंह के रिश्तेदार पर टिक रही है।
अशोक सिंह की लंबी बातचीत हुई थी
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के रिश्तेदार राजकुमार सिंह के पास इस समय जेल में राशन और अन्य वस्तुओं की सप्लाई का ठेका है। सूत्रों के मुताबिक युवती के पिता की उन्नाव जिला जेल में तबीयत बिगड़ने से कुछ देर पहले (रात के समय) अशोक सिंह कुछ लोगों के साथ जेल गए थे। जेल में काफी देर रुके थे। जेल के अधिकारियों से भी अशोक सिंह की लंबी बातचीत हुई थी। हालंकि मामले को गंभीरत से लेते हुए विधायक के भाई कि गिरफ्तारी हो चुकी है इसके अलावा पांच पुलिककर्मियों को भी सस्सपेंड किया जा चुका है। इतना ही नहीं विधायक के भाई और उसके साथियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किये जाने की तैयारी में है।
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