35 kg सोने के दीये में जलता है संत रविदास के लिए दीपक

130 किलो सोने की पालकी, 35 किलो की छतरी, 32 स्वर्ण कलश और शिखर पर भी सोना

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यूपी के सीरगोवर्धनपुर स्थित संत रविदास का भव्य मंदिर बनारस का दूसरा स्वर्ण मंदिर कहा जाता है. संत के इस मंदिर में कई खास और महत्वपूर्ण चींजे है जिनके बारे में लोग कम जानते है. रविदास मन्दिर में उनकी प्रतिमा के आगे जलने वाला दीप सोने का है और इसे बनाने में करोड़ों रूपये लगे.

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गौरतलब है कि संत की जयंती माघी पूर्णिमा के मौके पर देश-विदेश से उनके लाखों भक्त यहां शीश नवाने आते हैं. गुरू के जन्मस्थान के प्रति पंजाब, हरियाणा समेत विभिन्न प्रदेश के रैदासी समाज के लोगों में गहरी आस्था है. हर साल यहां देश के सत्ता और विपक्ष से जुड़े राजनीतिक दलों की हस्तियां भी यहां आशीर्वाद लेने आते हैं. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने का कार्यक्रम है. अन्य दलों के प्रमुख लोगों को भी ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण भेजा गया है. संत के इस मंदिर में 35 किलो सोने से बने दीपक में अंखण्ड ज्योति जलती है. दीप में एक बार में 5 किलो घी भरा जाता है. इस दीपक को उनके एक भक्त ने ही मंदिर के लिए दान में दिया था.

करोड़ों के मालिक हैं संत शिरोमणि रविदास

मंदिर ट्रस्ट के निरंजन दास चीमा ने बताया कि सोने के दीपक के अलावा यहां 130 किलो सोने की पालकी भी है. इसके अलावा 35 किलो सोने की छतरी, 32 स्वर्ण कलश और शिखर पर भी सोना मढ़ा हुआ है. मंदिर का द्वार भी स्वर्ण मंडित है. कुल मिलाकर संत रविदास करोड़ों रुपये के सोने के मालिक है. हर साल उनकी जयंती पर आनेवाले श्रद्धालु यहां दर्शन के बाद संत के चरणों में दिल खोलकर दान देते हैं भक्तों के दान से ही मंदिर की सम्पत्ति और आभा निखरती जा रही है.

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