साइंटिस्ट्स ने ऐलियंस को भेजा मैसेज, 25 साल में मिलेगा जवाब!
वैज्ञानिकों के एक समूह ने ऐलियंस से संचार स्थापित करने की उम्मीद में पृथ्वी के करीबी ग्रह पर एक विस्तृत संदेश भेजा है और जल्द वे एक और संदेश भेजेंगे। अगर वास्तव में ऐलियंस का अस्तित्व है तो इन संदेशों का जवाब मिलने में कम से कम 25 साल लगेंगे।
प्रॉजेक्ट का नाम ‘सोनार कॉलिंग GJ273b’ है
इस प्रॉजेक्ट का नेतृत्व सोनार ऑर्गनाइजेशन कर रहा है। प्रॉजेक्ट का नाम ‘सोनार कॉलिंग GJ273b’ है। सोनार ऑर्गनाइजेशन ने इस प्रॉजेक्ट में METI इंटरनैशनल और द इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस स्टडीज ऑफ कैटलोनिया (IEEC) की मदद ले रहा है।
also read : पाटीदारों का कांग्रेस को 24 घंटे का अल्टिमेटम
इस साल 16, 17 और 18 अक्टूबर को वैज्ञानिकों के समूह ने नॉर्वे से EISCAT ऐंटेना के जरिए संदेश ट्रांसमिट किया। ये संदेश एक्सोप्लेनेट GJ273बी को भेजे गए थे, जिसका आकार पृथ्वी से 2.9 गुना बड़ा है और जो लुटयंस स्टार के पास है। लुटयंस स्टार पृथ्वी से 25 हजार प्रकाश वर्ष दूर है।
आदान-प्रदान में तेजी आने की भी उम्मीद है
ऐलियंस ये मेसेज 12 साल बाद सुनेंगे और उनका जवाब अगले 12 सालों में पृथ्वी तक पहुंचेगा। यह संदेश 2018 स्पेन के सोनार फेस्टिवल का हिस्सा है। किसी भी ग्रह से जवाब आने में कम से कम 50 हजार साल लगे हैं, इसलिए इस नई पहल से वैज्ञानिकों को संदेशों के आदान-प्रदान में तेजी आने की भी उम्मीद है।
(साभार – एनबीटी)
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)