सिख विरोधी दंगे मामले में सोमवार को फैसला सुनाएगी दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर निर्णय दे सकता है।
दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था
इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किया गया था। जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीड़ितों और दोषियों द्वारा दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसैन्य अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और दो अन्य को दंगा भड़काने का दोषी करार दिया गया था। गौरतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।
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निचली अदालत ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी किया था। लेकिन खोखर, भागमल और लाल को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। जबकि पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को तीन तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
दोषियेां ने मई 2013 में आए निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। सीबीआई ने भी अपील दायर करते हुए आरोप लगाया था कि वे सुनियोजित सांप्रदायिक दंगे और धार्मिक रूप से सफाया करने में संलिप्त थे। एजेंसी और पीड़ितों ने कुमार को बरी किये जाने के खिलाफ भी अपील दायर की थी।
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