विपक्ष की महाबैठक में बनेगी चुनावी रणनीति
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के सर्वे में बीजेपी के पिछड़ने के संकेत मिलने के बाद विपक्षी खेमा उत्साहित नजर आ रहा है। चुनाव नतीजे आने से पहले विपक्षी एकता को मजबूत करने के मकसद से टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को गैर-बीजेपी दलों की महाबैठक बुलाई है। मंगलवार को 5 राज्यों के चुनाव नतीजे आने वाले हैं और उसी दिन से संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने जा रहा है। इस मीटिंग में विपक्षी दल संसद में सरकार को घेरने के प्लान के साथ-साथ 2019 के चुनावों में एकजुट होकर बीजेपी को हराने की रणनीति पर चर्चा करेंगे। इस बीच बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के जुटान पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें मोदी से मुकाबले के पहले अपना पीएम उम्मीदवार घोषित करना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में 2019 के आम चुनावों को लेकर बीजेपी से एकजुट होकर मुकाबला करने को लेकर रणनीति बनेगी। इस महाबैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए की मुखिया सोनिया गांधी के हिस्सा लेने की संभावना है। बैठक में गैर-बीजेपी शासित राज्यों, केरल, पंजाब और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
शरद पवार, ममता बनर्जी समेत वामपंथी भी रहेंगे मौजूद
मीटिंग में एनसीपी चीफ शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी के मीटिंग में हिस्सा लेने की संभावना है। डीएमके नेता एमके स्टालिन, आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय जनता दल के लीडर तेजस्वी यादव और एलजेडी के लीडर शरद यादव भी मौजूद रहेंगे। इस मौके पर एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भी पहुंचने की संभावना है। इस बीच ममता बनर्जी और एनसीपी चीफ शरद पवार दिल्ली पहुंच चुके हैं।
पटनायक और मायावती के आने पर संशय
हालांकि इस मोर्चे को गठन से पहले ही झटका लगता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसपी की चीफ मायावती और बीजेडी लीडर नवीन पटनायक इस मीटिंग से दूर रह सकते हैं। हालांकि मायावती के प्रतिनिधि के तौर पर बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र मौजूद रह सकते हैं।
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इससे पहले डीएमके के अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने रविवार को इसी रणनीति को धार देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए की मुखिया सोनिया गांधी से मुलाकात की। स्टालिन से मीटिंग के बाद राहुल ने कहा, ‘हमारी बैठक सौहार्दपूर्ण रही और हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।’उन्होंने कहा, ‘मैं अपना संवाद जारी रखने और हमारे गठबंधन को मजबूत बनाने की ओर अग्रसर हूं। हमारा गठबंधन समय की परीक्षा से गुजर रहा है।’
नतीजों का 2019 लोकसभा चुनाव पर दिखेगा सीधा असर
राजनीतिक जानकारों की मानें तो 5 राज्यों के चुनाव नतीजों का सीधा असर आगामी लोकसभा चुनावों पर देखने को मिलेगा। यदि इसमें कांग्रेस मजबूती से उभरती है तो राहुल के नेतृत्व पर मुहर लगेगी और कांग्रेस पार्टी विपक्षी एकता की धुरी बन सकेगी।