अखिलेश यादव : जब प्रदेश का सीएम ही कह रहा है ठोक दो तो…पुलिस का
विवेक तिवारी गोलीकांड पर सियासत तेज हो गई है। एक के बाद एक राजनेताओं का जमावड़ा विवेक तिवारी के घर पर लगा हुआ है। पहले योगी सरकार के मंत्री, फिर बसपा सुप्रीमो मायावती उसके बाद अब सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विवेक तिवारी के परिवार से मिलने पहुंचे। अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को पांच करोड़ आर्थिक सहायता और नौकरी दिए जाने की मांग की।
अखिलेश यादव ने कहा कि ये दर्दनाक घटना है, यह पहली बार नहीं है कि पुलिस पर उंगली उठी है। याद कीजिए उस सुमित गुर्जर की घटना पूरा वेस्टर्न यूपी आंदोलन कर रहा था। पूरे समाज के लोग आंदोलन कर रहे थे। जानना चाह रहे थे कि यह घटना कैसे हुई।
सजा तो लोकतंत्र में एक ही है सरकार हटे, कम से कम सरकार हटे। आप किस लिए सरकार में हैं। आप क्या लोगों को मारने के लिए हैं।
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काम तो आप कर नहीं रहे। विकास तो कर नहीं रहे। लोगों को डरा रहे हैं, आप। योगी सरकार लोगों के अंदर भय पैदा कर रही है। इसलिए सरकार को जाना चाहिए और जनता को जब मौका मिलेगा जनता हटा देगी। योगी सरकार मामले को ढकने का काम कर रही है।
5 करोड़ रुपए की परिवार की मदद करनी चाहिए
पुलिस छिपा रही है, और पुलिस क्यों छिपा रही है, कम से कम सच्चाई तो सामने आए। सरकार के लोग बता सकते हैं कि सना को नजरबंद क्यों किया गया है। परिवार के लोग कहते हैं कि उन्हें तो सच ही नहीं पता लगा। पता तो तब लगा जब गोली का निशान देखा।
सरकारी नौकरी उनका स्टेटस देखो क्या है, क्या उनकी पत्नी को अच्छी नौकरी नहीं मिलनी चाहिए। हमारी सरकार में जो नौकरी चाहिए वह दी हमने। दो बेटियां हैं उनका भविष्य क्या होगा। सरकार के पास खजाना भरा पड़ा है। 5 करोड़ रुपए की परिवार की मदद करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ही चाहते हैं कि एनकाउंटर हो
विवेक तिवारी हत्याकांड में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को बयान दिया था। अखिलेश ने हत्याकांड पर दुख जताते हुए कहा कि जब पुलिस ही गोली मारने लगे तो फिर कानून व्यवस्था का हाल समझना बेहद आसान है। अलीगढ़ के एनकाउंटर के मामले में पहले से ही पुलिस पर सवालिया निशान लग चुका है। मुख्यमंत्री ही चाहते हैं कि एनकाउंटर हो।
विवेक तिवारी के परिजनों को 5 करोड़ मिलना चाहिये
उनका ही कहना है, ठोक दो। ये सरकार डराने का काम कर रही है। पूरी दुनिया में प्रदेश की साख पर बट्टा लग रहा है। फर्जी मामलों में आम जनता को फंसाया जा रहा है। जेल में हत्या की गई, लेकिन कुछ मालूम नहीं चल सका। विवेक तिवारी के परिजनों को 5 करोड़ मिलना चाहिये।
बेहतर नौकरी मिलनी चाहिये। हर फ़र्ज़ी एनकाउन्टर के शिकार को मुआवजा मिलना चाहिए। जितना नोटिस मानवाधिकार का मौजूदा सरकार को मिला है, उतना नोटिस आज तक किसी सरकार के समय में नहीं मिला।
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