बुआ और बबुआ को हराने के लिए भाजपा का ये है प्लान
बीजेपी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव(elections ) की तैयारी में अभी से जुट गई है। सबसे बढ़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा के गठबंधन की अटकलों के बीच बीजेपी यहां किलाबंदी में जुट गई है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से मिली सबसे बड़ी जीत को दोहराने के लिए बीजेपी यह हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण में जुट गई है।
जाति के लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है
हिंदू वोटों को एकजुट करने के लिए बीजेपी उत्तर प्रदेश के सभी छोटे-बड़े मंदिरों, मठों और आश्रमों की लिस्ट तैयार कर रही है। इसके अलावा पार्टी अनुसूचित जाति और ओबीसी के तहत आने वाली जाति के लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी इस रणनीति के जरिए धार्मिक स्थल के मुखिया से संपर्क करेगी और फिर उनके अनुयायियों तक पहुंचेगी।
मंदिर या मठों से जुड़े लोगों तक पहुंचने की है
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बीजेपी ने एक फॉर्म तैयार की है और उसे 1.4 लाख बूथ इंचार्ज को दिया गया है। इस फॉर्म में धार्मिक स्थल का नाम, स्थान, प्रसिद्ध पुजारी और उनके मोबाइल नंबर भरने हैं। इसका उद्देश्य इन पुजारियों के जरिए मंदिर या मठों से जुड़े लोगों तक पहुंचने की है।
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इसके अलावा बीजेपी ने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से अनुसूचित जाति और ओबीसी जाति के वोटरों की लिस्ट तैयार करने को कहा है। साथ ही ये भी जिम्मेदारी दी गई है कि हर बूथ पर एससी और ओबीसी जाति के कम से कम दो पुरुष और दो महिला को पार्टी से जोड़ा जाए।
16 अगस्त से 25 अगस्त के बीच आयोजित की जाएगी
इसके अलावा पार्टी हर बूथ पर उन लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है, जो वोटिंग को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर जुटाए जा रहे हैं।यूपी में करीब 1.6 लाख पोलिंग बूथ हैं। पार्टी की कोशिश है कि हर बूथ पर कमसे कम 21 सदस्य हों। बूथ लेवल पर पार्टी एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष, महासचिव नियुक्त कर रही है।यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष जेपी राठौर ने बताया कि बूथ सेक्शन कमिटी की बैठक 16 अगस्त से 25 अगस्त के बीच आयोजित की जाएगी।
अल्पसंख्यक बाहुल्य होगा उसे ‘सी’ श्रेणी में रखा जाएगा
बूथ मैनेजमेंट कमिटी 29 लाख कार्यकर्ता की एक समर्पित टीम बनाएगी। 11 लाख लगभग ब्लॉक और जिला स्तर पर कार्यकर्ता लगाए जाएंगे ताकि पूरे प्रेदश में 40 लाख वर्कर्स की भर्ती के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। पार्टी ने हर बूथ को एक अलग कोड में बांटा है। जो निर्वाचन क्षेत्र या बूथ पार्टी के फेवर वाला होगा उसे ‘ए’ कोड में रखा जाएगा। जहां पर पार्टी के 60-40 चांस होगा उसे ‘बी’ और जो इलाका अल्पसंख्यक बाहुल्य होगा उसे ‘सी’ श्रेणी में रखा जाएगा।
बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रभावी रणनीति के माध्यम से सूचनाएं एकत्र की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि पार्टी गुरुद्वारों का भी डेटा एकत्र कर रही है।मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और गठबंधन को यहां 73 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि उसके बाद हुए उपचुनावों में बीजेपी ने तीन लोकसभा सीटें गंवा दी हैं।साभार
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