ये है एलियन और उड़न तश्तरी की सच्चाई?

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दुनिया भर में उड़नतश्‍तरियों के आसमान से उतरने की कहानियां एक रहस्‍य की तरह मौजूद हैं, जबकि आज भी एलियन शब्‍द मनुष्‍य सभ्‍यता के अंतरमन की अबूझ, रोचक पहली बना हुआ है। यह शब्‍द ही भय और कौतुहूल पैदा करता है। दुनिया भर के वैज्ञानिक एलियन के अस्‍तित्‍व को लेकर अलग-अलग तरह की बातें कहते रहे हैं।

इसके बारे में अब तक कोई पुख्‍ता सबूत तो नहीं मिले है

हाल ही में भारत के छत्‍तीसगढ़ के सिरपुर में फिर से एलियन के होने की बातें चर्चा में रही हैं। आइए जानते हैं क्‍या वाकई में हैं उड़नतश्‍तरी और आखिर क्‍या है एलियन का सच। उड़नतश्‍तरी जिसे यूएफओ भी कहा जाता है। इसके बारे में अब तक कोई पुख्‍ता सबूत तो नहीं मिले है, लेकिन दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में इसके देखे जाने की बातें होती रही हैं।

प्रभावशाली क्षमता मनुष्यों के जरिये निर्मित नहीं दिखाई देती

ऐसा माना जाता है कि यूएफओ का दूसरे प्‍लेनेट से कनेक्‍शन से है क्योंकि इनके बेहद एड्वांस संचालन और प्रभावशाली क्षमता मनुष्यों के जरिये निर्मित नहीं दिखाई देती। उपकरण से लेकर हर दूसरी चीज पृत्‍थी पर मौजूद किसी विमान से दूसरी दिखाई देती है।

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जहां उड़नतश्‍तरियां आज भी रहस्‍य हैं वहीं एलियस यानी की दूसरी ग्रहों के प्राणियों को लेकर रहस्‍यमयी कहानियां दुनिया के अलग-अलग कोनों से सामने आती रही हैं।हाल ही में छत्‍तीसगढ़ के सिरपुर में एक खुदाई में एलियन यानी दूसरे ग्रहों के प्राणियों की भी मौजूदगी के सबूत मिले हैं।

क्योंकि समय-समय पर उनके प्रमाण मिलते रहे हैं

सिरपुर से जुड़ी इन्हीं सब रहस्यों को खंगालने और डाक्यूमेंट्री बनाने 2017 जुलाई में यूएसए (अमेरिका) की एंशिएट एलियन (जार्जिया) की टीम पहुंची थी।सीनियर पुरातत्वविद् और पुरातत्व सलाहकार पद्मश्री डॉ. अरुण शर्मा बताते हैं कि विदेशों में भी लोगों द्वारा दूसरे ग्रहों से आई हुई उडनतश्तरियां समय-समय पर देखे जाने के समाचार मिलते ही रहते हैं। इस तरह की बातों को काल्पनिक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि समय-समय पर उनके प्रमाण मिलते रहे हैं।

जबकि उनका विदेशों से कोई संबंध ही नहीं था

शर्मा बताते हैं कि सिरपुर उत्खनन में बाजार क्षेत्र से करीब 2600 वर्ष पुरानी पकाई हुई मिट्टी के पुतले मिले हैं, जिन्हें सामान्य खिलौना नहीं कहा जा सकता। इनमें कुछ ऐसे हैं, जो पाश्चात्य देशों में मिले एलियंस के नाम से विख्यात मूर्तियों के ही समान हैं। कुछ में तो एलियंस के चेहरों और मास्क में इतनी समानता है कि इन्हें आज से 2600 वर्ष पहले सिरपुर के कलाकारों ने बनाया, जबकि उनका विदेशों से कोई संबंध ही नहीं था।

दुनिया भर में आज भी यूएफओ रहस्‍य का विषय भी बने हुए हैं और उससे भी ज्‍यादा एलियन का रहस्‍य पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर करते हैं। मानव सभ्‍यता के इतिहास में रहस्‍य का केंद्र आसमान ही रहा है। प्रकृति की गुत्‍थियां विज्ञान के जरिये मनुष्‍य ने सुलझाई तो है, लेकिन यूनिवर्स की दुनिया आज भी उसके लिए एक मिस्‍ट्री ही है। ऐसे में एलियन और यूएफओ को लेकर अलग-अलग हिस्‍सों में आती जानकारियां इन्‍हें लेकर वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर करती है।साभार

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