अपनी माटी छोड़ने के बजाय गांव में पैदा कर दिया रोजगार

0

रोजगार की खातिर अपनी माटी को छोड़कर महानगरों का दामन थाम लेना ही एकमात्र विकल्प नहीं है। उत्तराखंड के मुनार गांव के लोगों ने अपनी जीवटता से इस बात को साबित किया है। वे पलायन से लड़े हैं। अपने घर पर रोजगार की लौ जलाकर उन्होंने दिखाया है कि पहाड़ इतना भी कष्टकारी नहीं, जितना उसे बना दिया गया है। जिस पहाड़ ने अपने मिजाज के अनुकूल मडुवा, मक्का, चौलाई जैसी स्थानीय फसलें दीं, उन्हीं फसलों को मुनार के ग्रामीणों ने आगे बढ़ने का आधार बनाया।

कोई भी बड़ा काम अकेले नहीं हो सकता, इसलिए लोग एकजुट हुए और स्वयं सहायता समूह बनाया। आज इस गांव में मडुवे से तैयार बिस्कुट बागेश्वर जिले के लिए बड़ी सौगात हैं तो कुमाऊं के लिए सबसे बेहतरीन जायका। पौष्टिक और स्वाद से भरपूर मुनार के बिस्कुट की बाजार में खास डिमांड है। इस साल जनवरी से अभी तक इस गांव ने करीब चार लाख रुपये के बिस्कुट बेच दिए हैं। मेहनत मुकाम के शिखर की ओर बढ़ रही है और उत्तराखंड के उन लोगों के लिए भी मुनार प्रेरणा बना है, जो दो जून की रोटी के लिए गांव छोड़कर शहरों में बस रहे हैं।

एक दशक पहले बनाया था समूह 

मुनार गांव कुमाऊं के बागेश्वर जिले में कपकोट की भौगोलिक परिस्थितियों के लिहाज से दुर्गम है। यहां सिर्फ खेतीबाड़ी और पशुपालन ही लोगों की आजीविका का माध्यम है। एक दशक पहले ग्रामीणों ने स्वयं सहायता समूह बनाया और ठाना कि मडुवा, चौलाई, मक्के के बिस्कुट बनाकर बाजार में बेचेंगे।

Also Read :  रेप के आरोपी दाती महाराज ने मांगी मोहलत

शुरुआत में हाथों से बिस्कुट बनाए गए और इन्हें स्थानीय बाजार में उतारा गया। दस महीने पहले मुनार की मेहनत देख सरकार की एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत मां चिल्ठा आजीविका स्वायत्त सहकारिता का गठन किया गया। परियोजना की ओर से इनके उत्पादों का ब्रांड नेम हिलांस रखा गया और पैकिंग के साथ बिस्कुट बाजार में उतारे गए।

120 गांवों के 984 लोग जुड़े 

आजीविका स्वायत्त सहकारिता के तहत इस इलाके के 20 गांवों में 84 स्वयं सहायता समूह है, जिसमें 984 सदस्य जुड़े हैं। सरकार इनके काम, मेहनत को प्रोत्साहित करने लगी है। स्वायत्त सहकारिता की अध्यक्ष तारा टाकुली व कोषाध्यक्ष गंगा देवी का कहना है कि अब रोजगार के लिए लोग गांव नहीं छोड़ते हैं।’मडुवे के बिस्कुट से उत्तराखंड के दुर्गम गांव मुनार ने पाया मुकाम ’एक दशक पूर्व की शुरुआत, आज सफलता के शिखर की ओर मन की बात में मोदी ने किया जिक्र मुनार की इस कामयाबी और संघर्ष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात में सराहा है। इस साल 29 अप्रैल को पीएम ने कहा था, ‘उत्तराखंड के किसान देशभर के किसानों के लिए प्रेरणास्नोत बन गए हैं। उन्होंने संगठित प्रयास से काम किया। मुनार गांव में एक सहकारी संस्था बनाई व बिस्कुट की फैक्ट्री खोल ली है। किसानों की हिम्मत देखते हुए सरकार ने भी इसे राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़ दिया है। वाकई में यह प्रयास सराहनीय है। दैनिक जागरण साभार

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More