4 गैंगरेप का आरोपी भी है दिल्ली में ‘सेक्स आश्रम’ वाला बाबा

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दिल्ली के रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर ‘सेक्स आश्रम’ चला रहे बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के बारे में नई जानकारियां सामने आईं हैं। बाबा पर उसके गृह जिले फर्रुखाबाद में गैंगरेप के चार केस भी दर्ज हैं। ये मामले 1998 के हैं। विवादित बाबा इन मामलों में हाई कोर्ट से स्टे लेने के बाद से ही फरार चल रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की पड़ताल में सामने आया है कि वीरेंद्र देव दीक्षित पर पीएसी और लोकल पुलिस पर हमले का भी केस चल रहा है।

किडनैप करने का भी मामला दर्ज हुआ था

बाबा ने अपने 6 सहयोगियों के साथ यह हमला तब किया था जब गैंगरेप के केस में पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची थी। इसी साल वीरेंद्र देव दीक्षित पर अपने आश्रम के पास बिजली चोरी करने का भी केस दर्ज हुआ था। वीरेंद्र देव दीक्षित के कारनामों का यही अंत नहीं है। 2011 में बाबा पर महराजगंज जिले में एक महिला की हत्या के लिए उसे किडनैप करने का भी मामला दर्ज हुआ था।

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फर्रुखाबाद के पुलिस अधिकारी के मुताबिक गैंगरेप पीड़िताएं बाबा के कम्पिल स्थित आश्रम में ही रहती थीं। उनके साथ 1997 के मार्च, अप्रैल और मई महीने में रेप किया गया था। हालांकि मामला 1998 में दर्ज किया गया। ये पीड़िताएं मथुरा, दिल्ली, कोलकाता और अहमदाबाद की रहने वाली थीं। आश्रम से अपने परिवार को संपर्क करने या भागने में कामयाब होने के बाद उन्होंने ढोंगी बाबा के साथ-साथ उसके सहयोगी रविंद्र दास के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया था। कानपुर रेंज के आईजी आलोक सिंह ने बताया कि 1998 में दीक्षित के खिलाफ फर्रुखाबाद में 7-8 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे।

हालांकि अब उसका इस स्कूल से कोई संबंध नहीं है

पुलिस बाबा के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड को खंगाल रही है। आईजी ने बताया बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित इन मामलों में हाई कोर्ट से स्टे लेने में सफल रहा था। कुछ दिनों बाद वह फरार हो गया। विवादित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का जन्म 1942 में फर्रुखाबाद के अहमदगंज गांव में हुआ था। बाद में उसका परिवार कांपिल में शिफ्ट हो गया। 1965 में बाबा कांपिल के एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बना। उसने दो साल तक कयामगंज गर्ल्स स्कूल में भी नौकरी की। इसके बाद उसने 1969 में गुजरात यूनिवर्सिटी में संस्कृत से शोध शुरू किया। इसी साल वीरेंद्र देव दीक्षित राजस्थान के माउंट आबू में प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साथ भी जुड़ा। हालांकि अब उसका इस स्कूल से कोई संबंध नहीं है।

दरवाजों और खिड़कियों पर लोह की ग्रिल लगी हुई हैं

अगले दशक में बाबा ने खुद को बाबा के तौर पर फेमस किया और देशभर में कम से कम 80 आश्रम खोले। इनमें से 2 आश्रम फर्रुखाबाद जिले के कांपिल और सिकतरबाग में खोले गए। कम्पिल आश्रम के सामने रहने वाले एक बुजुर्ग देव सिंह यादव ने बताया कि एक लड़की से रेप करने के आरोप के बाद वीरेंद्र देव दीक्षित के पिता ने उसे घर से निकाल दिया था। 1984 में पिता के बाद बाबा वापस लौटा और उसने अपना घर तोड़कर आश्रम बना दिया। कई सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि जब दिल्ली पुलिस बाबा के रोहिणी आश्रम पर रेड कर रही थी उसी समय एक सफेद वैन आई और कम्पिल आश्रम से कम से कम 6 लड़कियों को निकाल कर ले गई। सूत्रों का कहना है कि फर्रुखाबाद के दोनों आश्रमों में दिन-रात कड़ा पहरा रहता था और किसी भी महिला को बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। इस तीन मंजिला आश्रम के दरवाजों और खिड़कियों पर लोह की ग्रिल लगी हुई हैं।

(साभार-एनबीटी)

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