अब स्‍टीम बाथ से संवारी जायेगी ताज की खूबसूरती

0

स्टीम बाथ थैरेपी अब आपकी त्वचा ही नहीं ताजमहल को भी निखारेगी। जल्द ही ताज के पीलेपन को दूर करने के लिए स्टीम बाथ दी जा सकती है। स्टीम बाथ से संसद भवन को निखारने का काम पहले से ही चल रहा है। रोम का कैथोलिक चर्च स्टीम बाथ से चमकाया जा चुका है। ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि मडपैक (मुल्तानी मिट्टी का लेप) ताज के पीलेपन को दूर नहीं कर पा रहा।

also read : अब महिला कैदी कर सकेंगी वीडियो कॉलिंग

एक ही मैली जगह पर दो-दो बार मडपैक कर के देखा जा चुका है। लेकिन गंदगी साफ नहीं हो रही है। वजह है पर्यटकों के हाथ का मैल। मैल पत्थरों के अंदर तक पहुंच गई है। मडपैक फेल होने के बाद ताज को स्टीम बाथ दिए जाने पर विचार चल रहा है।

ये होता है स्टीम बाथ

‘आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया’ की साइंस यूनिट के अनुसार स्टीम बाथ एक इंस्टूमेंट (फव्वारा) से दिया जाता है। ये एक छोटे किस्म का फव्वारा होता है। इस फव्वारे में गर्म पानी और एक खास तरह का साबुन भरा जाएगा। गर्म पानी और साबुन के मिश्रण को फव्वारे की तेज बौछार से ताज के पत्थरों पर छोड़ा जाएगा। गर्म होने और तेज बौछार के चलते ये पानी पत्थरों के अंदर तक चला जाता है। जिसके बाद पत्थर के अंदर मौजूद मैल फूलने लगता है। फिर वो धीरे-धीरे बाहर आने लगता है।

ताज के दीवानों ने छूकर कर दिया मैला

ताज के पत्थरों में अंदर तक पहुंच चुका ये मैल किसी प्रदूषण का हिस्सा नहीं है। बल्कि ये तो ताज के दीवानों ने ही उसे छू-छूकर मैला कर दिया है। जानकार बताते हैं कि पर्यटक ताज के पत्थर, उस पर होने वाली नक्कशी और फूल-पत्तियों को छूकर देखते हैं। जिसके चलते पर्यटकों के हाथ में लगा पसीना और तेल पत्थरों से चिपक जाता है।

ताज के लिए खतरा है लेजर थैरेपी

साइंस यूनिट के अधिकारी बताते हैं कि लेजर थैरेपी से भी ताज के पत्थरों पर लगी मैल साफ हो सकती है। लेकिन ये एक खतरनाक थेरेपी है। लेजर इस्तेमाल करने से सफेद संगमरमर का पत्थर कमजोर हो सकता है। लेजर थैरेपी भविष्य में भी पत्थर को नुकसान पहुंचाएगी।

ताज को बचाने के लिए अभी तक ये हो चुकी है कवायद

ताजमहल के 500 मीटर क्षेत्र में वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया है।

शहर की ढलाई फैक्ट्रियों को बंद कराया जा चुका है।

जनरेटर बंद कराने के लिए शहर को 24 घंटे बिजली देने के निर्देश हैं।

आगरा और आसपास के क्षेत्र को ताज ट्रीपोजियम जोन (टीटीजेड) घोषित किया जा चुका है।

ताज के पास यमुना नदी में पानी बरकरार रखने के दिए हैं निर्देश।

(साभार-न्यूज18)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More