अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भी माना, रामसेतु मानव निर्मित
दुनिया भर के वैज्ञानिक अब यह मानने को विवश हैं कि भारत और श्रीलंका के बीच स्थित प्राचीन ‘एडम्स ब्रिज’ यानी राम सेतु मानव निर्मित है। रामेश्वरम के करीब स्थित द्वीप पमबन और श्रीलंका के द्वीप मन्नार के बीच 50 किलोमीटर लंबा अद्भुत पुल कहीं और से लाए पत्थरों से बनाया गया है।
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अमेरिकी पुरातत्ववेत्ताओं ने विज्ञान चैनल डिस्कवरी के एक शो के प्रोमो में यह जानकारी दी है। यह शो बुधवार को सुबह 7.30 बजे दिखाया जाएगा। 1इस कार्यक्रम में सैटेलाइट चित्र के जरिए रामसेतु की अंतरिक्ष से नजर आने वाली तस्वीर दिखाई गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सैटेलाइट में नजर आने वाली आकृति दरअसल गहरे समुद्र में तैरते छिछले और सपाट चूना पत्थर हैं।
बिछी बालू की परत महज चार हजार साल पुरानी है
83 किलोमीटर लंबे गहरे इस जल क्षेत्र में चूना पत्थर की चट्टानों का नेटवर्क असल में मानव निर्मित है। अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ नार्थवेस्ट, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो और सर्दन ओरीगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि बलुई परत भले ही प्राकृतिक हो, लेकिन उसके नीचे बिछे विशाल चूना पत्थर कतई प्रकृति की देन नहीं है। यह कहीं और से लाए गए हैं। कार्यक्रम में बताया गया है कि पुल की चट्टानें सात हजार साल पुरानी हैं, जबकि उस पर बिछी बालू की परत महज चार हजार साल पुरानी है।
(साभार- दैनिक जागरण)