नोटबंदी पर बोले मनमोहन सिंह, मोदी का फैसला गलत

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नोटबंदी की सालभर पूरे होने पर कांग्रेस नेता पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मोदी पर जमकर निशाना साधा। नोटबंदी के एक साल पूरा होने से एक दिन पहले मनमोहन सिंह ने अहमदाबाद में कहा कि 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन किया जाना एक संगठित लूट और कानूनी डाका थी।
भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ
जाने-माने अर्थशास्त्री ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी का जो मकसद बताया वह पूरा नहीं हुआ, कालेधन वालों को पकड़ा नहीं जा सका, वे लोग भाग गए। जीएसटी ने छोटे कारोबारियों की कमर तोड़ दी। इन दोनों कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ।
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जीएसटी के अनुपालन की शर्तें छोटे कारोबारियों के लिए बुरे सपने की तरह है। आम लोगों को इससे काफी परेशानी हुई है।मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 14 करोड़ लोगों को गरीबी से उबारा।
जल्दबाजी में उठाया गया कदम
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को बिना सोचे-समझे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया और कहा कि इसके किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हुई।
नोटबंदी पर सवाल उठाने से कोई टैक्स चोर हो जाता है
मनमोहन सिंह ने बुलेट ट्रेन परियोजना को अहंकार की कवायद बताया। क्या बुलेट ट्रेन पर सवाल उठाने से कोई विकास विरोधी और GST-नोटबंदी पर सवाल उठाने से कोई टैक्स चोर हो जाता है। हर किसी को चोर और राष्ट्रविरोधी मानने का रवैया लोकतंत्र की बुनियाद के लिए खतरा है।
जेटली ने दिया मनमोहन को जवाब…
दूसरी तरफ, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक ब्लॉग के जरिए सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाने वालों को जवाब दिया। उन्होंने नोटबंदी के फैसले की घोषणा के दिन 8 नवंबर 2016 को भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास का ऐतिहासिक क्षण करार दिया। गुजरात के चुनावी रण में कांग्रेस का प्रचार करने गए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को नोटबंदी से बीजेपी के घेराबंदी करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी देश की अर्थव्यवस्था के लिए पूरी तरह घातक साबित हुई। इस फैसले ने छोटे उद्यमों की कमर तोड़ दी। मनमोहन ने कहा, ‘कल (8 नवंबर 2017 को) हम उस विनाशकारी नीति का एक साल पूरा कर रहे हैं जो हमारे देश की जनता पर थोपी गई थी। 8 नवंबर देश की अर्थव्यवस्था के लिए तो काला दिन था ही, यह लोकतंत्र के लिए भी एक काला दिन था।’
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