सवाना फिल्मोत्सव में दिखेगी ‘ए ट्यून ऑफ डेवेशन’
भारत के युवा और महत्वाकांक्षी फिल्म निर्माता वरुण चोनेल अपनी लघु फिल्म ‘ए ट्यून ऑफ डेवेशन’ को इसी माह सवाना फिल्मोत्सव में ले जाएंगे। फिल्मोत्सव के लिए उनकी यह लघु फिल्म चुन ली गई है। यह फिल्म अपने आप में काफी खास है, क्योंकि ये लीक से हटकर सूफी रहस्यवादियों पर आधारित है।
सूफी रहस्यवादियों पर एक फिल्म काफी कुछ नया कर सकती है
फिल्म के बारे में चर्चा करते हुए वरुण कहते हैं कि उन्होंने इस फिल्म का निर्माण इसलिए किया, क्योंकि भारत में प्रदर्शित होने वाली अधिकांश लघु फिल्में गरीबी, अशिक्षा और दयनीय जीवनशैली दर्शाती हैं। ऐसे में सूफी रहस्यवादियों पर एक फिल्म काफी कुछ नया कर सकती है।
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मीडिया से मुखातिब वरुण ने कहा, “मैं लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसका इतिहास पहले से ही संगीत और नृत्य से भरपूर है। वह इतिहास, जिसे बॉलीवुड भूल गया है या पर्दे पर दिखाना नहीं चाहता है।”
फिल्म इस्लाम के नाम पर फैल रहे धार्मिक तनाव…
उन्होंने कहा कि यह फिल्म इस्लाम के नाम पर फैल रहे धार्मिक तनाव, कला और सूफीवाद के संबंधों का पता लगाने पर निर्धारित करती है। फिल्म ‘ए ट्यून ऑफ डिवेशन’ अपने तीन विशिष्ट कथानकों- नृत्यांगना, विद्वान और कव्वाली-गायक जोड़ी के कथानक में भी चर्चा करने पर मजबूर करती है।
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टेलरिड फिल्मोत्सव का पांच दिनों का एक ऐसा कार्यक्रम है, जो तमाम फिल्म जगत के सहभागियों को फिल्मों को दोबारा देखने और दुनियाभर से फिल्म निमार्ताओं और साथी सिनेमाघरों के साथ बातचीत करने का मौका देता है।
लेकिन स्वीकृति केवल 50 लोगों को ही मिलती है
इस फिल्मोत्सव में हिस्सा लेने के लिए यूं तो विश्वभर के हजारों लोगों को आमंत्रित किया जाता है, लेकिन स्वीकृति केवल 50 लोगों को ही मिलती है।
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