‘अब 3डी तकनीक’ से चार महीनें में बनेंगे ऊंचे ऊंचे मकान
अब तक किसी भी इमारत को बनाने में सालों का समय लग जाता था, लेकिन अब बड़ी से बड़ी इमारत और टॉवर महिनों में बनकर तैयार हो जायेंगे। इसी का सहारा लेते हुए सरकार अब चंद महिनों में ही इमारत तैयार करके लोगो को मकान उपलब्ध कराने की तैयारी में है।
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बहुमंजिला टावर चार से पांच महीने में तैयार हो सकते हैं
सरकार की 2022 तक सभी को आवास देने की योजना को देखते हुए शहरी कार्य मंत्रालय के उपक्रम राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने तय किया है कि वह जल्द और कम लागत से घर बनाने के लिए 3डी तकनीक का उपयोग करेगा। इस तकनीक से सिंगल स्टोरी मकान नींव बनने के बाद महज तीन से चार दिन में बनाया जा सकता है जबकि बहुमंजिला टावर चार से पांच महीने में तैयार हो सकते हैं।
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लागत सामान्य मकानों से 20 से 25 फीसदी कम होती है
एनबीसीसी के चेयरमैन अनूप कुमार मित्तल ने बताया कि थ्री डी मकानों के निर्माण की लागत सामान्य मकानों से 20 से 25 फीसदी कम होती है। ऐसे में एनबीसीसी का इरादा है कि बड़े महानगरों को छोड़ टीयर टू और टीयर थ्री सिटी में इस तरह के मकान बनाए जाएं। उन्होंने बताया कि इसी तरह की तकनीक से लगभग दो हजार मकान झारखंड में बनाए जा रहे हैं। जल्द ही अन्य शहरों में भी इसी तकनीक से मकानों का निर्माण किया जाएगा।
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दो महीने पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी एक बैठक में सुझाव दिया गया था कि थ्री डी तकनीक से मकान बनाए जाएं ताकि उनके निर्माण की लागत भी कम हो और तेजी से कार्य भी किया जा सके।
गोमती नगर में भी फ्लैटों का निर्माण कर रहा है
एनबीसीसी ने ऐलान किया है कि वह दिवाली से पहले दिल्ली और एनसीआर में हाउसिंग की नई स्कीम लेकर आ रहा है। इस स्कीम के तहत कुछ मकान बेचे जाएंगे। सबसे अधिक लगभग एक हजार मकान गुड़गांव में तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा एनबीसीसी नौरोजी नगर में ट्रेड सेंटर में आफिस, शॉप और रिटेल बिजनेस के लिए स्पेस की बिक्री करेगा। एनबीसीसी लखनऊ के गोमती नगर में भी फ्लैटों का निर्माण कर रहा है। दिल्ली में एनबीसीसी प्रगति मैदान में भी डिवेलमेंट कर रहा है।
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