सलेम को सजा, कहां हैं मोनिका बेदी?

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साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों के आरोपी अबु सलेम समेत सभी आरोपियों को आज मुंबई की टाडा कोर्ट ने सजा सुनाई। आपको बता दें कि बॉलीवुज एक्ट्रेस मोनिका बेदी का बम धमाकों का आरोपी अबु सलेम से अफेयर चल रहा था, जिसको लेकर मोनिका बेदी भी सुर्खियों में छा गई। अब आपको बताते हैं कि किस तरह से एक डॉन और एक्ट्रेस के बीच प्यार की केमेस्ट्री शुरू हुई। लेकिन उससे पहले ये सवाल उठता है कि अबु सलेम के जेल जाने के बाद मोनिका बेदी कहां गायब हो गई?

आपके लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि एक अंडरवर्ल्ड डॉन और फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रही एक्ट्रेस के बीच कैसे नजदीकियां बनीं। खबरों की गर मानें तो अबू सलेम से मोनिका की मुलाकात एक बॉलीवुड पार्टी के दौरान हुई थी। लेकिन एक मुलाकात ने ही दोनों के बीच कुछ ऐसा आकर्षण पैदा किया कि फिर मुलाकातों का सिलसिला बढ़ गया।

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ये बात और है कि अबू सलेम से मुलाकात को लेकर मोनिका ने कहा था कि उन्हें नहीं पता था कि जिस शख्स के लिए उनका दिल धड़क रहा था वो अंडरवर्ल्ड का मोस्ट वॉन्टेड है। मोनिका के मुताबिक, सलेम ने उन्हें बताया था कि वो एक कारोबारी हैं। अबू सलेम से मोहब्बत के बारे में मोनिका को ये कहते भी सुना गया कि उन्हें अबू की आवाज बेहद पसंद थी। वो उसकी एक आवाज सुनने के लिए बेसब्र रहती थीं। जिस दिन सलेम से बात नहीं होती थी, मोनिका परेशान हो जाती थीं।

साल 2005 में गिरफ्तार हुईं थी मोनिका बेदी

आपको बता दें कि साल 2005 में पुर्तगाल में मोस्ट वॉन्टेड डॉन अबु सलेम और बॉलीवुड एक्ट्रेस मोनिका बेदी को गिरफ्तार किया गया था। कुछ ही वक्त बाद दोनों को फर्जी पासपोर्ट मामले में मुंबई पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया था। सलेम को सेंट्रल जेल में और मोनिका बेदी को भोपाल के जहांगीराबाद थाने में रखा गया था। इस वजह से पूरा इलाका हाई सिक्योरिटी जोन में तब्दील कर दिया गया था।

भोपाल पुलिस मोनिका को भेजती थी नहाने का साबुन

खबरों की गर मानें तो भोपाल जेल में मोनिका बेदी की पसंद और ना पसंद का पूरा ख्याल रखा जाता था। मोनिका के नहाने के लिए जेल में खास तौर पर पुलिस अफसर डव साबुन भेजते थे। यही नहीं, भोपाल पुलिस के जरिए होटल से ऑर्डर करके स्पेशल खाना और कॉस्मेटिक सामान भी जेल में भेजा जाता था। इन सबके अलावा कुछ पुलिस अफसर ऐसे भी थे, जो मोनिका बेदी के साथ फोटो खिंचवाते थे। वहीं, कई अफसर ऐसे भी थे जो आते-जाते अबू सलेम को सलाम करते थे।

सीरियल बम धमाकों में 257 लोगों की हुई थी मौत

मुंबई में 12 मार्च 1993 को हुए सीरियल बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे। इन धमाकों में करीब 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी। इस मामले में 16 जून, 2017 को जस्टिस जीए सनप ने अबू सलेम, मुस्तफा डोसा, करीमुल्लाह खान, फिरोज अब्दुल रशीद खान, रियाज सिद्दीकी और ताहिर मर्चेंट को धमाकों का षडयंत्र रचने के लिए दोषी माना था जबकि एक अन्य आरोपी अब्दुल कयूम को इस मामले से बरी कर दिया था। इसमें मुस्तफा डोसा की मौत हो चुकी है।

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