वाराणसी: सारनाथ निवासी अनुज कुमार यादव की शिकायत पर वाराणसी के साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर 98 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का राजफाश किया है. इस गैंग के सरगना समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से बड़ी संख्याय में मोबाइल, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, लैपटॉप, टैबलेट और ₹7,51,860 नकद बरामद किए गए हैं.
98 लाख की हुई थी ठगी
बीते 4 दिसंबर को अनुज कुमार यादव ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया था कि साइबर अपराधियों द्वारा उनके साथ फर्जी ट्राई और सीबीआई अधिकारी बनकर उनकी डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर उनके साथ कुल लगभग 98 लाख रुपये की साइबर ठगी की गयी है. शिकायत दर्ज होने पर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देशन में एक विशेष टीम बनाई गई. कार्रवाई के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से ठगी में इस्तेमाल उपकरण और नकद राशि बरामद की गई.
ठगी का तरीका:
1. फर्जी अधिकारी बनकर कॉल:
आरोपियों ने खुद को ट्राई और सीबीआई का अधिकारी बताते हुए पीड़ित को फर्जी सिम कार्ड और अवैध गतिविधियों का झांसा दिया.
2. डिजिटल हाउस अरेस्टिंग:
पीड़ित को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर वेरीफिकेशन के नाम पर फर्जी आरबीआई खाते में रकम ट्रांसफर कराई.
3. रकम का हेरफेर:
ठगी गई रकम को फर्जी गेमिंग ऐप्स के जरिए अन्य खातों में ट्रांसफर किया गया.
4.तकनीक का इस्तेमाल:
ओटीपी पाने के लिए SMS फॉरवर्डर ऐप का उपयोग
फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड डिजिटल ट्रैक छिपाने के लिए वर्चुअल मशीन का उपयोग किया गया.
गिरफ्तार आरोपियों की सूची:
संदीप कुमार (सीतापुर)
अभिषेक जायसवाल (चंदौली)
विकास सिंह पटेल (मिर्जापुर)
कुनाल सिंह पटेल (मिर्जापुर)
संजय यादव (जौनपुर)
हर्ष मिश्रा (मिर्जापुर)
नितिन सिंह (मिर्जापुर)
इकबाल खान (वाराणसी)
आदिल खान (मिर्जापुर)
बरामद सामग्री:
मोबाइल फोन
फर्जी आधार और सिम कार्ड
लैपटॉप और टैबलेट
नकद राशि ₹7,51,860.