दिल्ली की ‘दिदिया’ की आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में हैं

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पाकिस्तान की धरती पर अपने फन का जादू बिखेरने वाली दिल्ली की दिदिया की आवाज का जादू रायगढ़ के 33वें चक्रधर समारोह में भी श्रोताओं के सिर चढ़कर बोला। ये वो फनकार बिटिया है जिसकी आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में मौजूद हैं।

दिल्ली की दिदिया की आवाज का जादू

छत्तीसगढ़ सरकार के ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ अभियान को ऐसी ही बेटियों की काबिलियत को देखकर दम मिलता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं दिल्ली में जन्मी प्रख्यात पाश्र्वगायिका रेखा भारद्वाज की। रविवार की रात उन्होंने जब रायगढ़ की धरती पर ‘ससुराल गेंदा फूल’ वाला गीत गाया तो वहां मौजूद दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाय़ा।

आगे चलकर गजल गाना चाहती हैं दिदिया

उन्होंने कहा, “हम भले ही कम गाने गाएं, लेकिन संगीत में मेरी जान बसती है, संगीत ईश्वर या खुदा तक पहुंचने का जरिया है। आगे मैं गजल गाना चाहती हूं। मौका मिला तो निर्गुण भजन भी गाऊंगी।”

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दिदिया के पसंदीदा गाने

उन्होंने कविता कृष्णमूर्ति के ‘हम दिल दे चुके सनम’ और साधना सरगम के ‘चुपके से लग जा गले शाम की चादर तले..’ को अपना पसंदीदा गीत बताया और कहा कि ‘मैं चाहती हूं कि ये गाना मुझे गाने का मौका मिले।’ उन्होंने अपने आने वाले अलबम और योजनाओं के बारे में भी चर्चा की। रेखा भारद्वाज ने गीतकार और फिल्मकार गुलजार की प्रशंसा करते हुए कहा, “मेरे कॅरियर में उनकी अहम भूमिका रही।”

इंदौर में हुई संगीत की पढ़ाई

अविभाजित मध्यप्रदेश से उन्होंने अपने लगाव पर कहा कि मेरी संगीत की तालीम भी इंदौर घराने से हुई है। रायगढ़ के रामझरना और सिंघनपुर गुफाएं मैं कुछ सालों पहले देख चुकी हूं। चक्रधर समारोह की तारीफ की और कहा कि यह बड़ा मंच है, मौका मिला तो अच्छा लग रहा है।

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